युवराज के लिये मुश्किल है वापसी करना : सबा करीम
नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व चयनकर्ता सबा करीम ने कहा कि बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह के लिय टीम में वापसी करना अब काफी मुश्किल होगा. श्रीलंका दौरे के लिये कल चुनी गयी सीमित ओवरों की टीम में चयनकर्ताओं ने 2019 में इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप को ध्यान […]
नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व चयनकर्ता सबा करीम ने कहा कि बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह के लिय टीम में वापसी करना अब काफी मुश्किल होगा. श्रीलंका दौरे के लिये कल चुनी गयी सीमित ओवरों की टीम में चयनकर्ताओं ने 2019 में इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुये 36 वर्षीय बायें हाथ के इस बल्लेबाज युवराज को जगह नहीं दी. जिसके बाद उनके भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं.
पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता सबा करीम ने कहा, युवराज किसी योद्धा की तरह है लेकिन मुझे लगता है कि चयनकर्ता अगामी विश्व कप में उनकी फॉर्म से ज्यादा फिटनेस को देख रहे हैं. 20 ओवर के मैच की फिटनेस और 50 ओवर के मैच की फिटनेस में काफी फर्क होता है.
करीम ने कहा, जब मैं चयनकर्ता था तब हमारे पैनल ने युवराज का चयन 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मैच के लिये किया था. उस समय उनका चयन भारत में उसके अगले वर्ष (2016) होने वाले टी-20 विश्व कप के मद्देनजर अनुभव के आधार पर किया किया गया था. लेकिन अब समय बदल गया है.
मनीष पांडे काफी क्षमतावान खिलाड़ी है और उन्हें और ज्यादा मौके देने चाहिये. भारत ए टीम के कप्तान के रुप में उन्होंने शानदार खेल दिखाया है और शायद वह इस टीम के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक हैं. भारतीय टीम के इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा कि विश्व कप में अभी लगभग डेढ साल का समय बचा है और टीम के गठन के लिये खिलाडियों को लगभग 40 मैच साथ खेलना चाहिये.
लगभग 17 वर्ष के क्रिकेट करियर में युवी ने भारतीय टीम को कई यादगार लम्हें दिये हैं. बात चाहे 2007 में हुये पहले टी-20 विश्व कप की हो या 2011 में भारत में आयोजित विश्व कप की, दोनों ही विश्वकप में उन्होंने लगभग अपने दम पर टीम को चैंपियन बनाया. 2011 के विश्वकप के दौरान कैंसर से जूझते हुये उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल का प्रदर्शन किया. कैंसर से निजात पाने के बाद भी युवी ने शानदार तरीके से मैदान में वापसी की.
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपडा ने भी कहा कि विश्व कप के समय युवराज की उम्र 38 वर्ष की हो जायेगी और टीम के विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धौनी भी 38 वर्ष के हो जायेंगे. यह मुश्किल है कि एकदिवसीय टीम में दो 38 वर्ष के खिलाडियों को मौका मिले. एक समस्या यह भी है कि युवराज और धौनी को चौथे और पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करनी होगी. उन्होंने कहा, अगर आप किसी ऐसे खिलाड़ी को मौका देंगे जिसका भविष्य ज्यादा उज्ज्वल नहीं है तो आप दूसरे खिलाडियों के साथ न्याय नहीं कर रहे.
युवी के लिये मुश्किल इसलिये भी है क्योंकि मध्यक्रम में केएल राहुल, केदार जाधाव और मनीष पांडे जैसे प्रतिभावान खिलाडी हैं. युवराज ने 304 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुये 8701 रन बनाये हैं. इस दौरान उन्होंने अपनी फिरकी से 111 विकेट भी लिये हैं. एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी है कि विश्वकम में भारतीय टीम के खिलाडियों की औसत उम्र सबसे ज्यादा होगी. 2019 में कप्तान विराट कोहली 31, रोहित शर्मा 32, शिखर धवन 33, केदार जाधव 34, आर अश्विन 32, रविन्द्र जडेजा 30, उमेश यादव 32 और धौनी 38 से ज्यादा उम्र के होंगे.