”हीट मैन” रोहित शर्मा बने टीम इंडिया के उपकप्तान

पल्लेकेल : अपने दस साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में उतार चढ़ाव से गुजरने और अभी तक भी टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाने वाले रोहित शर्मा भारतीय एकदिवसीय टीम का उप कप्तान नियुक्त किये जाने से बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं. वनडे में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले रोहित को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2017 5:19 PM

पल्लेकेल : अपने दस साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में उतार चढ़ाव से गुजरने और अभी तक भी टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाने वाले रोहित शर्मा भारतीय एकदिवसीय टीम का उप कप्तान नियुक्त किये जाने से बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

वनडे में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले रोहित को टेस्ट श्रृंखला में खेलने का मौका नहीं मिला और वह रविवार से शुरू होने वाली पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में इसकी भरपायी करना चाहते हैं. रोहित ने कहा, पहली बात, उप कप्तान नियुक्त किया जाना बहुत बड़ा सम्मान है. दस साल पहले मैं केवल भारत की तरफ से खेलने के बारे में सोचता था. उप कप्तान होने के नाते मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं.

रोहित शर्मा ने 264 रनों का विश्व रिकार्ड बनाया

उन्होंने कहा, यह एक तरह का सम्मान है. जब हम 20 अगस्त को पहला एकदिवसीय मैच खेलने के लिये उतरेंगे तो मैं किसी खास भूमिका में रहूंगा और मैं इसके लिये तैयार हूं. मैं इसके बारे में बहुत अधिक नहीं सोच रहा हूं. मैं केवल इस क्षण का लुत्फ उठाना चाहता हूं. रोहित को पहले भी अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने की आदत है. वह इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन्स के कप्तान हैं और उन्होंने अपनी टीम को तीन बार खिताब दिलाये हैं.
* आईपीएल से तुलना ठीक नहीं
रोहित से जब आईपीएल और भारतीय टीम में उनकी नयी भूमिका में तुलना करने में बारे में कहा गया, यह पूरी तरह से अलग तरह का खेल है. आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पूरी तरह से भिन्न हैं. लेकिन फिर से उत्साह और उर्जा का स्तर पहले जैसा ही है. उन्होंने कहा, इसलिए बहुत कुछ नहीं बदला है. मैं यहां उप कप्तान हूं और टीम में कप्तान है. यहां मेरी भूमिका पर्दे के थोड़ा पीछे होगी. लेकिन जब मैं उप कप्तान के तौर पर मैदान पर उतरुंगा तो मैं काफी उत्साहित रहूंगा.
* कैरियर में उतार चढ़ाव से काफी कुछ सीखा
अंतरराष्ट्रीय करियर में अपने अभी तक के सफर के बारे में रोहित ने कहा, यह दस साल बहुत जल्दी बीत गये. हां उतार चढाव रहे लेकिन किसी भी खिलाडी के करियर में ऐसा होता है. आप उतार चढ़ावों से काफी कुछ सीखते हो.
रोहित ने कहा, मैंने हमेशा इस अवसर (भारत की तरफ से खेलने) का इंतजार किया. प्रारुप कोई भी हो मुझे भारत की तरफ से खेलने के मौके का इंतजार रहा. इन दस वर्षों से पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत की ओर से खेलूंगा.
उन्होंने कहा, मैं अपनी क्रिकेट का पूरा लुत्फ उठा रहा था. अपने स्कूल और मुंबई की तरफ से खेलने का. जब मैंने रणजी ट्राफी खेलनी शुरू की तब मुझे लगा कि मेरा लक्ष्य भारत की तरफ से खेलना हो सकता है और जब मुझे भारतीय टीम में चुना गया तो फिर वहां से पीछे मुडकर नहीं देखा.
* हर दिन एक नया दिन
रोहित ने एक दशक से अधिक समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिता दिया है लेकिन वह अब भी हर दिन को एक नये दिन की तरह लेते हैं. उन्होंने कहा, आज मैं स्वीप और रिवर्स स्वीप जैसे शाट खेलने सीख रहा हूं विशेषकर तब जबकि लेसिथ मालिंगा जैसे गेंदबाज से आपका सामना हो. इसलिए जब भी आप मैदान पर उतरते हो तो कुछ नया सीखते हो.
रोहित ने कहा, पिछले दस वर्षों में मैंने कई चीजें सीखी. विशेषकर सीमित ओवरों की क्रिकेट में. पहले जब मैं क्रीज पर उतरता था तो लगातार कई शाट खेलता था. बाद में मुझे अहसास हुआ कि आप हमेशा बड़े शाट नहीं खेल सकते. आपको परिस्थितयों के बारे में पता होना चाहिए. मैंने इतने वर्षों में यह सब कुछ सीखा. सीखने का क्रम आगे भी जारी रहेगा और यह इस खेल का अहम हिस्सा है.
इस बल्लेबाज को तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में बाहर बैठना पड़ा और रोहित ने कहा कि यह अच्छा अहसास नहीं था. उन्होंने कहा, कोई भी बाहर नहीं बैठना चाहता है. लेकिन यह पूरी तरह से टीम संयोजन तथा कप्तान और कोच पर निर्भर करता है. आपको यह सच्चाई स्वीकार करके आगे बढ़ना होता है. मैं देखता हूं कि क्रिकेटर के रुप में कहां सुधार कर सकता हूं. आप बैठकर समय बर्बाद नहीं कर सकते हो. रोहित के अलावा केएल राहुल और अक्षर पटेल ने भी वैकल्पिक नेट अभ्यास में भाग लिया. उन्होंने कहा, श्रीलंका के खिलाफ मैंने कुछ अच्छी पारियां खेली है लेकिन 2012 में श्रीलंका के खिलाफ मेरा प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा जिससे पता चलता है कि खेल में कुछ भी हो सकता है.

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