VIDEO : रोती बच्ची को देख भड़के कोहली-धवन, बोले, ”धमकाकर कुछ भी सिखाया नहीं जा सकता”
नयी दिल्ली : सोशल मीडिया पर इस समय एक बच्ची को धमकाकर गिनती सिखाने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में बच्ची रो रही है और उसके चेहरे पर डर साफ झलक रहा है. गिनती सिखाने वाली (संभवत: उसकी मां) बच्ची को डांट रही है और उसे हर हाल में गिनती सिखाना चाहती […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
August 19, 2017 5:15 PM
नयी दिल्ली : सोशल मीडिया पर इस समय एक बच्ची को धमकाकर गिनती सिखाने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में बच्ची रो रही है और उसके चेहरे पर डर साफ झलक रहा है. गिनती सिखाने वाली (संभवत: उसकी मां) बच्ची को डांट रही है और उसे हर हाल में गिनती सिखाना चाहती है.
बच्ची डर के मारे रो रही है. हाथ जोड़ती है कि उसे अच्छे से पढ़ाये और उसे न डांटे. बच्ची कभी हाथ जोड़ती है, तो कभी अपने माथे पर हाथ रख बताती है की उसे हैडेक हो रहा है. लेकिन बच्ची के रोने और हाथ जोड़ने का भी पढ़ाने वाली महिला पर कोई असर नहीं होता है. इसी वीडिया को लेकर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और टीम में गब्बर के नाम से मशहूर शिखर धवन ने रियेक्ट किया है. दोनों ने सोशल मीडिया पर वीडियो को पोस्ट किया है और बच्ची को पढ़ाने के तरीके पर सवाल उठाया है.
कोहली ने लिखा, सच ये है कि बच्चों के दर्द और गुस्से को नजरअंदाज़ किया जा रहा है. बच्चे को सिखाने के लिए अहंकार में इस कदर डूबे हुए हैं कि कुछ नज़र ही नहीं रहा है. ये बेहद दुखी करने वाली बात है. एक बच्चे को धमकाकर कुछ भी सिखाया नहीं जा सकता. ये बेहद दिल दुखाने वाला है.’
वहीं शिखर धवन ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, अब तक मैंने जितने भी वीडियो देखें है उसमें यह सबसे डरवाना है और परेशान करने वाला. माता-पिता के रूप में हमारा विशेषाधिकार है कि हम अपने बच्चों को आगे बढ़ाना चाहिए, लेकिन मुझे वीडियो को देखकर काफी बुरा लगा कि महिला भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडित कर रही हैं और जल्दी से जल्दी बच्ची को गिनती सिखाना चाह रही है.
शिखर धव्न ने आगे लिखा, जीवन एक सर्कल (चक्र) की तरह है और मैं प्रार्थना करता हूं कि यह खूबसूरत छोटी लड़की एक दिन मजबूत महिला बनकर निकले! क्या होगा जब यह बच्ची बड़ी हो जाएगी, और यह महिला बूढ़ी हो जाएगी. तब इसी छोटी लड़की की मर्जी चलेगी! तब क्या उससे थप्पड़ मारने की उम्मीद की जा सकती है. इस महिला को जवाबदेह होना चाहिए. वह महिला इस पृथ्वी पर सबसे कायर और कमजोर इंसान है. जो इस अबोध बच्ची पर अपना प्रभाव जमा रही है. खेल-खेल में बच्चे का पढ़ाया जाना चाहिए न कि डरा और धमका कर. शिक्षा बहुत जरूरी है, लेकिन यह बच्चे की आत्मा के मूल्य पर नहीं हो.