नयी दिल्ली : भारत और श्रीलंका के बीच तीसरे वनडे मैच में रविवार को श्रीलंकाई दर्शकों ने जमकर हंगामा किया. भारतीय पारी के 44वें ओवर में जब टीम इंडिया जीत से महज 8 रन थी. रोहित शर्मा 122 रन पर और महेंद्र सिंह धौनी 61 रन बना कर बल्लेबाजी कर रहे थे. तभी, श्रीलंकाई समर्थक अपनी टीम की हार से उग्र हो गये और मैदान पर पानी की बोतलें फेंकना शुरू कर दिया. दर्शकों के उत्पात के कारण मैच को करीब 35 मिनट तक रोक दिया गया. हालांकि सुरक्षाबलों ने दर्शकों को शांत करने में कामयाब रहे और मैच दोबारा शुरू हुआ और टीम इंडिया तीसरे वनडे को 6 विकेट से जीत लिया.
कल मैदान पर जो हुआ वह 21 साल पहले विश्वकप सेमीफाइनल मैच में जो हुआ था उसकी याद ताजा कर दिया. 1996 विश्वकप का मैच श्रीलंका और भारत के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन में खेला जा रहा था. करो या मरो के मुकाबले में भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई टीम ने टीम इंडिया के सामने जीत के लिए 252 रन का लक्ष्य रखा था.
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लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की हालत उस समय खराब हो गयी थी जब नवजोत सिंह सिद्धू मात्र 3 रन पर आउट हो गये. उस समय टीम का स्कोर मात्र 8 रन था. लेकिन उसके बाद सचिन तेंदुलकर और संजय मांजरेकर ने 90 रनों की बेशकीमती साझेदारी निभायी और टीम का स्कोर 98 रन पर पहुंचाया. दर्शकों को लगने लगा कि टीम इंडिया की जीत पक्की है, लेकिन अचानक सचिन 65 के व्यक्तिगत स्कोर पर जयसूर्या की गेंद पर स्टंप आउट हो गये.
सचिन के आउट होने के बाद तो मानो टीम इंडिया में ‘तू चल मैं आया’ की तर्ज पर आने-जाने का क्रम जारी रहा. देखते-देखते 120 रन पर टीम इंडिया के 8 बल्लेबाज आउट हो गये. मैदान पर सन्नाटा छा गया. 34वें ओवर की पहली गेंद पर मुथैया मुरलीधरन ने जैसे ही आशीष कपूर को शून्य पर पवेलियन भेजा. भारतीय दर्शकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. उस समय भारत का स्कोर 120/8 रन था. जीत भारत से 132 रन दूर थी जबकि उसके हाथ में सिर्फ 2 विकेट बचे थे. दर्शक समझ चुके थे अब यहां से भारत की हार लगभग तय है.
बस क्या था दर्शकों ने मैदान पर बोतलें फेंकना शुरू कर दिया. बोतलों के साथ-साथ मैदान पर पत्थर भी फेंके जाने लगे. दर्शकों के गुस्से को देखते हुए मैच को रोक दिया गया. उस समय क्रीज पर विनोद कांबली 10 रन और अनिल कुंबले शून्य के स्कोर पर जमे थे. काफी देर दर्शकों का हुड़दंब जारी रहने के बाद श्रीलंका को जीत दे दिया गया. उस दिन को भारतीय क्रिकेट का ‘काला दिन’ कहा गया. उसी मैच में विनोद कांबली ने मैदान पर ही रो दिया था.