कोलंबो : ‘मैन ऑफ द मैच’ तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार के करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के बाद कप्तान विराट कोहली के 30वें शतक से भारत ने पांचवें और अंतिम एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भी श्रीलंका को छह विकेट से हराकर पांच मैचों की शृंखला में 5-0 से क्लीनस्वीप किया. टेस्ट शृंखला में 3-0 से वाइटवाश करनेवाले भारत ने श्रीलंका के खिलाफ लगातार दूसरी द्विपक्षीय शृंखला में 5-0 से जीत दर्ज की. इससे पहले भारत ने 2014 में अपनी सरजमीं पर भी इसी अंतर से श्रीलंका का क्लीनस्वीप किया था. श्रीलंका के 239 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने कप्तान कोहली (116 गेंद में नाबाद 110 रन) के लगातार दूसरे शतक के अलावा मनीष पांडे (36) के साथ उनकी तीसरे विकेट की 99 और केदार जाधव (63) के साथ चौथे विकेट की 109 रन की साझेदारी की बदौलत 46.3 ओवर में चार विकेट पर 239 रन बनाकर जीत दर्ज की. कोहली ने अपनी पारी में नौ चौके जड़े.
इस शतक के साथ कोहली एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक शतक जड़नेवालों की सूची में आॅस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग (30) के साथ संयुक्त दूसरे स्थान पर पहुंच गये हैं. उनसे अधिक शतक अब सिर्फ भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर (49) के नाम पर दर्ज हैं. इससे पूर्व पहली बार पांच विकेट चटकानेवाले भुवनेश्वर कुमार (42 रन पर पांच विकेट) और जसप्रीत बुमराह (45 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने श्रीलंका की टीम 49.4 ओवर में 238 रन पर ढेर हो गयी.
लाहिरु थिरिमाने (67) और एंजेलो मैथ्यूज (55) के बीच चौथे विकेट की 122 रन की साझेदारी की बदौलत श्रीलंका की टीम एक समय तीन विकेट पर 185 रन बनाकर अच्छी स्थिति में दिख रही थी, लेकिन टीम ने अंतिम सात विकेट 53 रन जोड़कर गंवा दिये. थिरिमाने और मैथ्यूज की यह साझेदारी भारत के खिलाफ श्रीलंका की ओर से चौथे विकेट की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है. इन दोनों ने कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने को पीछे छोड़ा, जिन्होंने यहां आर प्रेमदासा स्टेडियम में ही जुलाई 2012 में चौथे विकेट के लिए 121 रन जोड़े थे. शृंखला में इस अंतर से मिली हार के साथ ही श्रीलंका ने 2019 विश्व कप के लिए स्वत: क्वालीफाई करने का मौका भी गंवा दिया. ऐसा करने के लिए उसे शृंखला में कम से कम दो मैचों में जीत की दरकार थी. श्रीलंका दूसरी टीम है जिसका भारत ने दो बार 5-0 से वाइटवाश किया है. इससे पहले वह इंग्लैंड के खिलाफ 2008-09 और 2011-12 में यह कारनामा कर चुका है, लेकिन दोनों ही मौकों पर टीम इंडिया से यह उपलब्धि अपनी सरजमीं पर हासिल की.
भारत इससे पहले तीन या इससे अधिक मैचों की द्विपक्षीय शृंखला में देश से बाहर सिर्फ जिंबाब्वे का ही क्लीनस्वीप कर पाया है. टीम इंडिया ने 2013 में जिंबाब्वे को उसकी सरजमीं पर 5-0 से हराया था, जबकि इसके बाद 2015 और 2016 में इस टीम का 3-0 के समान अंतर से सूपड़ा साफ किया.
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने पांचवें ओवर में ही अजिंक्य रहाणे (05) का विकेट गंवा दिया जो टूर्नामेंट में पहला मैच खेल रहे थे. लसिथ मलिंगा की बाउंसर को हुक करने की कोशिश में रहाणे ने फाइन लेग पर दिलशान मुनावीरा को कैच थमाया. सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (16) भी विश्व फर्नांडो की उछाल लेती गेंद को हवा में खेल बैठे और फाइन लेग पर मलिंदा पुष्पकुमार ने उनका शानदार कैच लपका जिससे भारत का स्कोर दो विकेट पर 29 रन हो गया. कप्तान कोहली और पांडे ने इसके बाद 10वें ओवर में टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया. पांडे ने मलिंगा पर चौका जडा जबकि कोहली ने फर्नांडो के ओवर में दो चौके मारे. पांडे ने बायें हाथ के स्पिनर पुष्पकुमार पर चौके के साथ 20वें ओवर में भारत के 100 रन पूरे किये. कोहली ने श्रीवर्धने के ओवर में तीन चौके जड़े और पहले चौके के साथ 53 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. पांडे हालांकि पुष्पकुमार की गेंद को स्लाग स्वीप करने की कोशिश में हवा में लहरा गये और श्रीलंका के कार्यवाहक कप्तान उपुल थरंगा ने आसान कैच लपका.
कोहली को इसके बाद जाधव के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला. मौजूदा शृंखला में अब तक नाकाम रहे जाधव ने सतर्कता के साथ बल्लेबाजी की. उन्होंने वानिंदु हसारंगा और पुष्पकुमार पर चौके जड़े. कोहली इस पारी के दौरान लिस्ट ए क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करनेवाले दुनिया के 100वें बल्लेबाज भी बने. उन्होंने पुष्पकुमार की गेंद पर एक रन के साथ 93 रन बनाते ही इस साल एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1000 रन भी पूरे किये. उन्होंने अपने 18वें मैच में यह उपलब्धि हासिल की. कोहली और जाधव ने 39वें ओवर में भारत के 200 रन पूरे किए। टीम को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिए 30 रन की दरकार थी. जाधव ने मलिंगा की गेंद पर एक रन के साथ 52 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. कोहली ने भी इसके बाद धनंजय की गेंद पर एक रन के साथ 107 गेंद में अपना 30वां शतक पूरा किया. भारत को हालांकि जब जीत के लिए दो रन की दरकार थी जब जाधव हसारंगा की गेंद पर विकेटकीपर निरोशन डिकवेला को कैच दे बैठे. उन्होंने 73 गेंद की अपनी पारी में सात चौके मारे.
कोहली ने हसारंगा पर एक रन के साथ भारत को जीत दिलायी. इससे पहले श्रीलंका के कार्यवाहक कप्तान उपुल थरंगा ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन उनकी 34 गेंद में 48 रन की पारी के बावजूद टीम 10वें ओवर में 63 रन तक तीन विकेट गंवाने के कारण संकट में थी. थरंगा ने भुवनेश्वर के पहले ओवर में चौके के साथ खाता खोला और फिर अगले ओवर में शारदुल ठाकुर पर भी चौका जड़ा. भुवनेश्वर ने डिकवेला (02) को अपनी ही गेंद पर लपक कर शृंखला का पहला विकेट हासिल किया.
थरंगा ने ठाकुर पर तीन चौके मारे लेकिन मुनावीरा (04) भुवनेश्वर की गेंद को हवा में खेल बैठे और मिड आॅफ पर कोहली ने बेहतरीन कैच लपका. थरंगा ने ठाकुर के ओवर में लगातार तीन चौकों के साथ 17 रन जुटाये. थरंगा ने बुमराह की पहली गेंद पर भी चौका जड़ा, लेकिन अगली गेंद पर विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी को कैच दे बैठे. इस सलामी बल्लेबाज ने अपनी पारी में नौ चौके जड़े जिसमें से सात उन्होंने ठाकुर पर मारे.
अनुभवी मैथ्यूज और थिरिमाने ने इसके बाद पारी को संभाला. दोनों ने 18वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया. थिरिमाने ने कुलदीप यादव (40 रन पर एक विकेट) पर दो चौके मारे और फिर युजवेंद्र चहल (36 रन पर एक विकेट) पर पारी का पहला छक्का जड़ा. थिरिमाने ने केदार जाधव की गेंद पर एक रन के साथ 83 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. मैथ्यूज ने कुलदीप की गेंद पर एक रन के साथ श्रीलंका के लिए शृंखला की पहली शतकीय साझेदारी पूरी की. उन्होंने चहल की गेंद पर दो रन के साथ 79 गेंद में भारत के खिलाफ आठवां और कुल 35वां अर्धशतक पूरा किया. थिरिमाने इसके बाद भुवनेश्वर की अंदर आती गेंद को थर्ड मैन पर खेलने की कोशिश में विकेटों पर खेल गये. उन्होंने 102 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का मारा.
दो ओवर बाद मैथ्यूज भी कुलदीप की गेंद पर धोनी को कैच देकर पवेलियन लौटे. उन्होंने 98 गेंद का सामना करते हुए चार चौके मारे. अगले ओवर में वानिंदु हसारंगा (09) रन आउट हुए, जबकि चहल ने अकिला धनंजय (04) को धोनी के हाथों स्टंप कराया. धोनी इसके साथ ही एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 स्टंप करने वाले पहले विकेटकीपर बने. उन्होंने अपने 301वें मैच में यह उपलब्धि हासिल की. धोनी ने श्रीलंका के ही संगकारा को पीछे छोड़ा जिनके नाम पर 404 मैचों में 99 स्टंपिंग दर्ज हैं.
भुवनेश्वर की गेंद पर मिलिंदा श्रीवर्धने (18) ने छक्का जड़ा. बुमराह की गेंद पर मलिंदा पुष्पकुमार (08) भाग्यशाली रहे जब डीप मिडविकेट बाउंड्री पर शारदुल ने उनका कैच टपकाया और गेंद छह रन के लिए चली गयी. बुमराह ने हालांकि इसी ओवर में उन्हें बोल्ड कर दिया. भुवनेश्वर ने इसके बाद श्रीवर्धने और लसिथ मलिंगा (02) को आउट करके श्रीलंका की पारी का अंत किया और पहली बार पांच विकेट हासिल किए. बुमराह ने शृंखला में 15 विकेट चटकाये जो पांच मैचों की द्विपक्षीय शृंखला में सर्वाधिक विकेट का नया विश्व रिकार्ड है. उन्हें इस प्रदर्शन के लिए ‘मैन ऑफ द सीरीज’ का पुरस्कार दिया गया.