नयी दिल्ली : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 17 सितंबर से 13 अक्तूबर के बीच होने वाली श्रृंखला आईसीसी नियमों के 28 सितंबर से प्रभावी होने के बावजूद मौजूदा नियमों के अनुसार ही खेली जाएगी.
न्यूजीलैंड की टीम जब अक्तूबर में भारत दौरे पर आएगी तो विराट कोहली और उनकी टीम नये नियमों के अनुसार खेलेगी. नये नियम हालांकि बांग्लादेश बनाम दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान बनाम श्रीलंका मैचों से प्रभावी हो जाएंगे. नये नियम आचार संहिता, डीआरएस के उपयोग तथा बल्ले के आकार से जुड़े हैं. इन्हें एक अक्तूबर से लागू किया जाना था लेकिन दो टेस्ट मैच 28 सितंबर से शुरू होंगे इसलिए इन्हें इसी तिथि से लागू करने का फैसला किया गया.
भारत और ऑस्ट्रेलिया की श्रृंखला अक्तूबर तक चलेगी और ऐसे में आईसीसी ने किसी तरह की भ्रम की स्थिति से बचने के लिये इसे पुराने नियमों के अनुसार ही करवाने का फैसला किया. इस श्रृंखला में पांच वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, हां, नियम 28 सितंबर को शुरू होने वाले दो टेस्ट मैचों (बांग्लादेश बनाम दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान बनाम श्रीलंका) से प्रभावी हो जाएंगे.
ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत और इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज दोनों श्रृंखलाएं 17 सितंबर को शुरू होंगी. उन्होंने कहा, ये दोनों श्रृंखलाएं अक्तूबर तक चलेंगी लेकिन एक श्रृंखला में दो अलग तरह के नियमों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा नहीं हो इसलिए आईसीसी ने इनका आयोजन पुराने नियमों से करवाने का फैसला किया.
नये नियमों के अनुसार अगर पगबाधा के लिये रेफरल ‘अंपायर्स कॉल ‘ के रुप में वापस आता है तो टीम अपना रिव्यू नहीं गंवाएंगी. जहां अंपायर्स कॉल में डीआरएस नियम में बदलाव किया गया है वहीं टेस्ट मैचों में 80 ओवर के बाद दो नये रिव्यू जुड़ने का वर्तमान नियम खत्म हो जाएगा. आईसीसी ने अंपायरों को हिंसा सहित दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेजने का अधिकार भी दिया है. अन्य सभी अपराध पहले की तरह आईसीसी आचार संहिता के तहत आएंगे.
बल्ले के आकार को लेकर भी नियम बनाये गये हैं. इसके अलावा अगर क्रीज पार करने के बाद बल्ला हवा में रहता है तो बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाएगा. अभी ऐसी स्थिति में बल्लेबाज को आउट दिया जाता है.