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चौथे वनडे से पहले टीम इंडिया को हा‍थ लगी बड़ी सफलता, चहल ने ढूंढ़ी मैक्सवेल की कमजोरी

बेंगलुरु : युजवेंद्र चहल ने वर्तमान एकदिवसीय सीरीज में ग्लेन मैक्सवेल को आउट करने में देर नहीं लगायी है और हरियाणा के इस लेग स्पिनर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के इस विस्फोटक बल्लेबाज को ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को खेलने में दिक्कत होती है. चहल ने अब तक खेले गये तीनों मैचों में […]

बेंगलुरु : युजवेंद्र चहल ने वर्तमान एकदिवसीय सीरीज में ग्लेन मैक्सवेल को आउट करने में देर नहीं लगायी है और हरियाणा के इस लेग स्पिनर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के इस विस्फोटक बल्लेबाज को ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को खेलने में दिक्कत होती है. चहल ने अब तक खेले गये तीनों मैचों में मैक्सवेल को आउट किया. यह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज लगातार दो मैचों में स्टंप आउट किया.

चहल ने चौथे वनडे की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से कहा : मैक्सवेल के लिए मेरी रणनीति स्टंप पर गेंदबाजी करने की नहीं होती है. ऐसा करने से नुकसान होगा. मैं उसके लिए ऑफ स्टंप से बाहर गेंद करता हूं और मैं अपनी गति में बदलाव करता हूं. मैं जानता हूं कि अगर मैं दो-तीन गेंदें खाली डाल देता हूं, तो वह बाहर आकर लंबा शॉट खेलना चाहेगा. हालांकि बल्लेबाजों को झांसा देने के लिए आपकी लाइन और लेंथ अच्छी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैक्सवेल के अलावा डेविड वार्नर अब भी खतरा होंगे, भले ही वह नहीं चल पा रहे हैं.

चहल ने कहा : वार्नर ऑस्ट्रेलिया का मुख्य खिलाड़ी है. जब वह क्रीज पर पांव जमा लेता है, तो बड़ी पारी खेलता है. इंदौर में भले ही आरोन फिंच ने शतक जमाया, लेकिन वार्नर सबसे खतरनाक खिलाड़ी है. उन्होंने कहा : उन्हें आइपीएल में खेलने का अनुभव है और उनकी मानसिकता आक्रमण करने की है. अगर वह 40 से 50 गेंदें खेल लेता है, तो 70 से 80 रन बना सकता है. हमारी रणनीति वार्नर को जल्दी आउट करने की है, ताकि हम बीच के ओवरों में दबाव बना सकें. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पलड़ा भारी होने के बारे में चहल ने कहा कि भारतीय स्पिनरों ने अंतर पैदा किया, जिन्होंने अब तक 13 विकेट लिये हैं.

उन्होंने कहा : ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों की तुलना में हमारे स्पिनरों ने अच्छा प्रदर्शन किया और 13 विकेट लिये. हमने उनकी तुलना में परिस्थितियों का बेहतर उपयोग किया. यह हमारे लिए फायदे की बात रही. एडम जंपा उनकी टीम में एकमात्र कलाई का स्पिनर है और वह नियमित तौर पर टीम में नहीं रहा.

चहल का मानना है कि जब बल्लेबाज अच्छा स्कोर खड़ा करते हैं तो इससे गेंदबाजों का मनोबल बढ़ता है. उन्होंने कहा, अगर बल्लेबाज अच्छा स्कोर बनाते हैं तो इससे गेंदबाजों का अच्छी गेंदबाजी करने के लिये मनोबल बढ़ता है. बीच के ओवरों में हमने बहुत अच्छी गेंदबाजी की चाहे वह श्रीलंका श्रृंखला हो या वर्तमान श्रृंखला. कुलदीप यादव के साथ गेंदबाजी करने के बारे में चहल ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के इस चाइनामैन गेंदबाज को लंबे समय से जानते हैं और वे दोनों एक दूसरे की मदद करते हैं.

उन्होंने कहा, मैं लंबे समय से कुलदीप को जानता हूं. हम एक दूसरे के साथ और खिलाफ खेले हैं. अगर मैं पहले गेंदबाजी करता हूं तो तो उसे बताता हूं कि पिच से कैसी मदद मिल रही है. अगर वह पहले गेंदबाजी करता है तो वह भी ऐसा करता है. हम एक दूसरे को बताते हैं कि किसी खास बल्लेबाज के लिये कैसे गेंदबाजी करनी है. ये दोनों एक दूसरे की सफलता का पूरा लुत्फ उठाते हैं. चहल ने कहा, हमारा तालमेल अच्छा है. मैच से पहले हम विकेट को लेकर चर्चा करते हैं.

हम यह भी चर्चा करते हैं कि किस बल्लेबाज को कैसी गेंद करनी चाहिए. हम हमेशा रणनीति के साथ उतरते हैं. चहल ने कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के विकेट की प्रकृति पिछले दो साल में बदली है और इससे स्पिनरों को कुछ मदद मिलने लग गयी है. उन्होंने कहा, विकेट से अब स्पिनरों को अधिक टर्न मिलता है. यह थोड़ा धीमा है जैसा कि पहले नहीं था. बाउंड्री थोड़ी छोटी हैं लेकिन अगर विकेट से मदद मिलती है तो आप विकेट ले सकते हो.

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