मैदान पर दिखती है धौनी की ”दादागीरी”, अपने दम पर बदल सकते हैं मैच का रुख : रवि शास्त्री
टीम इंडिया के हेड काेच आैर पूर्व टेस्ट खिलाड़ी रवि शास्त्री अपनी टीम के साथ रांची में हैं. इस माैके पर उन्हाेंने समय निकाल कर प्रभात खबर के साथ बातचीत की. शास्त्री ने वर्ल्ड कप की तैयारी, नये खिलाड़ियाें के प्रदर्शन से लेकर एमएस धाैनी के बारे में खुल कर बात की. पढ़िए अनुज कुमार […]
टीम इंडिया के हेड काेच आैर पूर्व टेस्ट खिलाड़ी रवि शास्त्री अपनी टीम के साथ रांची में हैं. इस माैके पर उन्हाेंने समय निकाल कर प्रभात खबर के साथ बातचीत की. शास्त्री ने वर्ल्ड कप की तैयारी, नये खिलाड़ियाें के प्रदर्शन से लेकर एमएस धाैनी के बारे में खुल कर बात की. पढ़िए अनुज कुमार सिन्हा आैर सुनील कुमार के साथ शास्त्री की बातचीत के अंश.
– आप हेड काेच हैं आैर हाल में टीम इंडिया लगातार बेहतर खेल रही है. वर्ल्ड कप में डेढ़ साल बचा है. कैसी है तैयारी?
वर्ल्ड कप में अभी बहुत समय है. हमारी तैयारी अच्छी चल रही है. इस डेढ़ साल में भारत काे 25 टेस्ट मैच आैर अनेक वनडे खेलने हैं. आनेवाले मैचाें में विपक्षी टीम के सामने लगातार अच्छा प्रदर्शन करना हाेगा.
– क्या वर्ल्ड कप के लिए आपने टीम के चयन का काम पूरा कर लिया है या आैर अन्य खिलाड़ियाें काे आजमाया जायेगा?
वर्ल्ड कप के छह महीने पहले ही पता चल पायेगा कि काैन खिलाड़ी खेलेगा और कौन नहीं. सारा कुछ खिलाड़ी के प्रदर्शन आैर फिटनेस पर निर्भर करेगा. अभी ताे हमारे सभी खिलाड़ी बेहतर खेल रहे हैं. लेकिन खिलाड़ियाें काे लगातार बेहतर प्रदर्शन करना हाेगा. कंसिसटेंसी लानी हाेगी.
– काैन सा क्षेत्र है जहां टीम इंडिया काे सुधार करना हाेगा?
बल्लेबाजी अच्छी है, लेकिन इसमें बेहतर प्रदर्शन करना हाेगा. सबसे ज्यादा ध्यान फील्डिंग पर देना हाेगा.
– राेहित शर्मा ने हाल में बेहतर खेला है, धवन टीम में हैं. क्या इसे वर्ल्ड कप की आेपनिंग जाेड़ी मान ली जाये?
मैंने कहा कि अभी बहुत समय है. ये दाेनाें ताे बेहतर खेल ही रहे हैं.लेकिन केएल राहुल, रहाणे ने भी माैका मिलने पर बेहतर प्रदर्शन किया है. यह खुशी की बात है कि एक खिलाड़ी अगर घायल हाेता है, ताे उसकी जगह पर आनेवाला दूसरा खिलाड़ी भी बेहतरीन प्रदर्शन करता है. टीम के पास विकल्प है आैर समय देख कर उसका उपयाेग किया जायेगा.
– वर्ल्ड कप में एमएस धाैनी से आपकाे आैर टीम इंडिया काे क्या अपेक्षाएं हैं?
धाैनी ताे दादा खिलाड़ी है, महान खिलाड़ी है. ऐसा खिलाड़ी विरले पैदा हाेता है. अभी दुनिया धाैनी काे ठीक से समझ नहीं सका है. जब धाैनी पूरी क्रिकेट खेल लेगा, तब दुनिया काे पता चलेगा कि वह कितना बड़ा खिलाड़ी है. धाैनी तेंडुलकर, गावस्कर, कपिल की श्रेणी का खिलाड़ी है. वह सिर्फ अपने बल पर किसी भी मैच का रुख बदल सकता है. उसके अंदर यह याेग्यता है. काबिलियत है. इस खिलाड़ी का क्या कहना.
– हार्दिक पांड्या ने शानदार खेल दिखाया है. क्या इसे अगला कपिलदेव माना जा सकता है?
कपिल ताे कपिल हैं. कपिल बनने में समय लगता है. पांड्या ने अभी अच्छी शुरुआत की है. उसने ताे बगैर प्रथम श्रेणी का मैच खेले टेस्ट में शतक जमा दिया. समय आैर स्थिति काे देख कर वह खेलता है. यह एक महान खिलाड़ी बनने का गुण है. कपिल बनने में किसी काे समय लगता है.
– हेड काेच के नाते आपकाे क्या काेई परेशानी का सामना करना पड़ता है?
नहीं. विराट बेहतरीन खिलाड़ी है, बेहतरीन कप्तान है. वह खुद कड़ी मेहनत करता है अाैर टीम काे भी माेटिवेट करता है. इसलिए मेरा काम कुछ आसान हाे जाता है. सभी खिलाड़ी खुद ही 100 फीसदी देने के लिए तैयार रहते हैं. यह किसी भी टीम के लिए अच्छी बात है.
– झारखंड के दाे खिलाड़ी नदीम आैर ईशान किशन का भविष्य आप कैसा देखते हैं?
दाेनाें ताे इंडिया ए टीम में खेल रहे हैं. लगातार बेहतर प्रदर्शन करते रहें, ताे हर खिलाड़ी के पास अवसर है. उनका भी है.
– कुलदीप यादव आैर चहल ताे बेहतर गेंदबाजी कर रहे हैं. अश्विन आैर जड़ेजा बाहर हैं. क्या माना जाये कि वर्ल्ड कप की टीम से ये बाहर हाे चुके हैं?
नहीं. अभी वर्ल्ड कप में बहुत देर है. सभी काे आजमाया जा रहा है. टेस्ट टीम में दाेनाें ताे हैं ही आैर रैकिंग में एक आैर दाे नंबर पर हैं. सभी काे ताे नहीं खेलाया जा सकता. हर फार्मेट में खेलने से घायल हाेने का खतरा भी ज्यादा हाेता है.
– अभी सबसे बड़ी चुनाैती क्या है?
अपने सभी खिलाड़ियाें काे आजमाया जाये. घायल हाेने से बचाया जाये. सभी खिलाड़ी लगातार बेहतर प्रदर्शन करते जायें. यही सबसेw बड़ी चुनाैती है.
– टेस्ट में लाेगाें की रुचि कम हाेती जा रही है. इसमें क्या बदलाव हाे कि रुचि बनी रहे?
हाल में टीम इंडिया जैसा खेल रही है, उससे टेस्ट में भी लाेगाें की रुचि बढ़ी है. यह आगे भी बढ़ती रहेगी. हर तरह का खेल हाेते रहना चाहिए.
– आप शायद दुनिया के उन चंद खिलाड़ियाें में हैं, जिन्हाेंने एक नंबर से लेकर दस नंबर पर बैटिंग की है. क्या अभी टीम इंडिया में काेई एेसा खिलाड़ी दिखता है?
हां, यह सही है कि मैंने हर भूमिका अदा की है. टीम में नंबर तीन के बाद काेई खिलाड़ी कहीं भी बैटिंग कर सकता है. यह सब कुछ मैच की स्थिति पर निर्भर करता है. धाैनी, पांड्या, मनीष पांडेय आैर केदार जाधव ऐसे ही खिलाड़ी हैं, जाे किसी भी नंबर पर बैटिंग के लिए जा सकते हैं आैर बेहतर कर सकते हैं. टीम काे इन खिलाड़ियाें से एेसी ही उम्मीद भी रहती है.
– अब आपके बारे में सवाल. 1981 में जब आप खेलने आये थे, ताे धीमा खेलने के लिए जाने जाते थे. लेकिन आप ने ही तिलकराज के एक आेवर में छह छक्के लगाये थे आैर बता दिया था कि आप तेज भी खेल सकते हैं. आज अगर आप खेल रहे हाेते ताे आपका क्या स्थान हाेता?
अरे मजा आ गया हाेता. सबसे पहले ताे नीलामी में अच्छी बाेली लगती. ढेर सारा पैसा मिलता. ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती. चार आेवर ही ताे गेंदबाजी करनी पड़ती. पांच-सात आेवर में ताबड़ताेड़ बल्लेबाजी करता. लेकिन हमारे समय में ऐसा मैच था ही नहीं. इसलिए 20-20 आेवर का मैच खेल ही नहीं पाया. अब अफसाेस लगता है.
– रवि शास्त्री काे दुनिया कई रूप में जानती है. गेंदबाज के रूप में, बल्लेबाज के रूप में, कमेंटेटर के रूप में आैर फिर टीम इंडिया के हेड काेच के रूप में. किसमें आपकाे सबसे मजा आया?
सब में मजा अलग-अलग था. आप कितना खेल सकते हैं. 10 साल, 15 साल. इसलिए पहले खेलने का मजा लिया. फिर कमेंट्री का मजा लिया. इसमें आप किसी काे कुछ भी बाेल सकते हैं. इसका अपना आनंद है. लेकिन काेचिंग सबसे मुश्किल काम है. सबसे जरूरी है कि आपकाे जाे भी भूमिका मिले, उसे पूरा इंज्वाय कीजिए. जम कर मेहनत कीजिए. परिणाम बेहतर ही आयेगा.
– नये खिलाड़ियाें के लिए आपका संदेश?
कड़ी मेहनत करें. आइपीएल ने नये खिलाड़ियाें काे बहुत माैका दिया है. सात-सात खिलाड़ी एक टीम में देश के हाेते हैं. आइपीएल के कारण ही ताे पांड्या, चहल, अक्षर जैसे खिलाड़ी निकले हैं. आइपीएल ने भारत में क्रिकेट के स्तर काे आगे बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की है. नये खिलाड़ी हार नहीं माने. जहां माैका मिलता है, मेहनत से खेले. चयनकर्ता की नजर उन पर एक न एक दिन जरूर पड़ेगी. किसी काे निराश हाेने के जरूरत नहीं है.