मुस्लिम खिलाड़ी के सवाल पर पूर्व IPS अधिकारी पर भड़के हरभजन सिंह, दिया करारा जवाब

नयी दिल्ली : 2002 में गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री (उस समय गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे) नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने वाले विवादित आइपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने टीम इंडिया में हिंदू-मुस्लिम को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट कर सवाल पूछा है कि क्या इस समय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2017 6:24 PM

नयी दिल्ली : 2002 में गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री (उस समय गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे) नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने वाले विवादित आइपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने टीम इंडिया में हिंदू-मुस्लिम को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट कर सवाल पूछा है कि क्या इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में कोई मुस्लिम खिलाड़ी है ?.

इस सवाल पर सोशल मीडिया में जोरदार बहश शुरू हो चुकी है. टीम इंडिया में टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह ने भट्ट को करारा जवाब देते हुए हिंदू-मुस्लिम-‍सिख-इसाई एकता की पाठ पढ़ा दी. दरअसल संजीव भट्ट ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक सवाल पूछा, क्या इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में कोई मुस्लिम खिलाड़ी है ?

आज़ादी से आज तक ऐसा कितनी बार हुआ कि भारत की क्रिकेट टीम में कोई मुसलमान खिलाड़ी ना हो ? क्या मुसलमानों ने क्रिकेट खेलना बन्द कर दिया है ? या खिलाड़ियों का चुनाव करने वाले किसी और खेल के नियम मान रहे हैं ?

इसी सवाल का जवाब देते हुए हरभजन सिंह ने लिखा, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई. क्रिकेट टीम में खेलने वाला हर खिलाड़ी हिंदुस्तानी है उसकी जात या रंग की बात नहीं होनी चाहिए (जय भारत).

गौरतलब हो गुजरात के 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 2015 में सरकार ने सरकारी गाड़ी और पुलिस कमांडो का गलत इस्‍तेमाल करने के आरोप में निलंबित किया था. संजीव भट्ट को गुजरात सरकार ने अहमदाबाद से जूनागढ़ भेजा था, लेकिन उन्‍होंने जूनागढ़ में पदभार ग्रहण नहीं किया और लगातार अहमदाबाद में रहते हुए सरकारी गाड़ी और पुलिस कमांडो का इस्‍तेमाल करते रहे.

* सेक्स वीडियो मामले में संजीव भट्ट को मिला था नोटिस

आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पर एक सेक्‍स वीडियो सामने आने के बाद गुजरात सरकार ने उन्हें नोटिस भेजा था. उन्‍हें इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और उनसे कहा गया था कि इस मामले में अपना पक्ष रखें.

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