नयी दिल्ली : मोहम्मद सिराज को जिस दिन आईपीएल नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद ने दो करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदा तो उनका केवल एक सपना था कि वह अपने पिता मोहम्मद गौस को आगे कभी आटो रिक्शा नहीं चलाने देंगे और उन्होंने अपना वादा निभाया.
अब इस 23 वर्षीय तेज गेंदबाज को पहली बार भारतीय टीम में चुना गया है. उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 श्रृंखला के लिये टीम में रखा गया है और स्वाभाविक है कि वह इससे काफी खुश हैं. सिराज ने कहा, मुझे गर्व है कि 23 साल की उम्र में मैं अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा सकता हूं. जिस दिन मुझे आईपीएल का अनुबंध मिला था उस दिन मैंने अपने पापा से कहा था कि अब उन्हें काम करने की जरुरत नहीं है. उस दिन से मैंने पापा को बोला कि आप अभी आराम करो. और हां मैं अपने परिवार को नये घर में भी ले आया हूं.
इस तेज गेंदबाज ने भारत ए की तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें इतनी जल्दी भारतीय टीम में चयन की उम्मीद नहीं थी. कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्राफी मैच की तैयारी कर रहे सिराज ने कहा, मैं जानता था कि भविष्य में मुझे टीम में चुना जाएगा लेकिन इतनी जल्दी चयन होने की मैंने उम्मीद नहीं की थी. मैं आपको बता नहीं सकता कि मैं कितना खुश हूं. जब मैंने अपनी मां और पिताजी को बताया तो उनके पास खुशी व्यक्त करने के लिये शब्द नहीं थे. यह सपना सच होने जैसा है. सिराज को भले ही आईपीएल से पहचान मिली लेकिन उनका मानना है कि हैदराबाद की तरफ से 2016-17 सत्र के दौरान रणजी ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण उन्हें सफलताएं मिली हैं.
उन्होंने कहा, मैं आज जो कुछ भी हूं वह रणजी ट्राफी प्रदर्शन के कारण हूं. पिछले सत्र में मैंने 40 के करीब विकेट लिये जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा. इसके बाद मुझे शेष भारत की टीम में चुना गया और रणजी ट्राफी के कारण मुझे आईपीएल का अनुबंध मिला. इसलिए इस चयन का 60 प्रतिशत श्रेय प्रथम श्रेणी क्रिकेट के प्रदर्शन को जाता है.
सिराज ने कहा कि भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण पिछले साल जब हैदराबाद के साथ थे तब उनके टिप्स काफी काम आये. उन्होंने कहा, मैं बयां नहीं कर सकता कि मैं भरत अरुण सर का कितना ऋणी हूं. वह बेहतरीन कोच हैं. पिछले साल वह हैदराबाद टीम के साथ थे और पहली बार मुझे शीर्ष स्तर पर बने रहने के लिये गेंदबाजी से जुड़ी तमाम चीजें सीखी. उन्होंने मुझे तमाम वैरीएशन के बारे में बताया. इससे मुझे आईपीएल में भी मदद मिली.