IND vs NZ : पुणे वनडे फिक्सिंग मामले में BCCI ने पिच क्यूरेटर को बर्खास्त किया
नयी दिल्ली : बीसीसीआई ने बुधवार को पुणे क्रिकेट स्टेडियम के क्यूरेटर को निलंबित कर दिया क्योंकि उन्हें एक टीवी स्टिंग ऑपरेशन में यह दावा करते हुए देखा गया कि वह भारत-न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे से पहले पिच से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इंडिया टुडे टीवी द्वारा किये गये इस स्टिंग ऑपरेशन में क्यूरेटर […]
नयी दिल्ली : बीसीसीआई ने बुधवार को पुणे क्रिकेट स्टेडियम के क्यूरेटर को निलंबित कर दिया क्योंकि उन्हें एक टीवी स्टिंग ऑपरेशन में यह दावा करते हुए देखा गया कि वह भारत-न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे से पहले पिच से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
इंडिया टुडे टीवी द्वारा किये गये इस स्टिंग ऑपरेशन में क्यूरेटर पंडुरांग सालगांवकर महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए) के स्टेडियम की पिच पर खड़े होकर एक अंडरकवर रिपोर्टर से बात करते हुए दिख रहे हैं जिसमें यह रिपोर्टर एक सट्टेबाज बना हुआ है. अडसठ वर्षीय सलगांवकर इस रिपोर्टर की जरुरत के मुताबिक पिच के साथ छेड़छाड़ करने की बात पर सहमति जताते हुए दिख रहे हैं.
इंडिया टुडे टीवी ने कहा कि यह विडियो बीती शाम रिकार्ड किया गया. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पूर्व तेज गेंदबाज सलगांवकर आज शाम होने वाले मैच से पहले कुछ घंटे पहले पिच से छेड़छाड़ कैसे कर सकते थे. बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा, पांडुरांग सलगांवकर को तुरंत प्रभाव से महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के क्यूरेटर पद से निलंबित किया जाता है.
उन्होंने साथ ही कहा, एमसीए ने भी सलगांवकर को संघ के सभी अन्य पदों से निलंबित कर दिया है. एमसीए ने एक जांच आयोग भी गठित किया है. बीसीसीआई ने पहले ही कहा है कि भ्रष्ट गतिविधियों के प्रति जरा भी ढील नहीं बरती जायेगी.
बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी इस बात से नाराज हैं कि सालगांवकर सट्टेबाज बने रिपोर्टर को अपने साथ मैच की मुख्य पिच पर ले गये. बीसीसीआई के नियमों के अनुसार किसी भी गैर मान्यता प्राप्त व्यक्ति, जिसमें पत्रकार भी शामिल हैं, को पिच के निकट जाने की अनुमति नहीं है.
बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, नीरज कुमार की अगुवाई वाली बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) को कुछ जवाब देने होंगे. यहां एक अनजान व्यक्ति आता है जिसके पास सभी क्षेत्रों में जाने वाला पास भी नहीं है और उसे क्यूरेटर मुख्य पिच पर ले जाता है. यह पूछने पर कि एसीयू इकाई को जवाब देना होगा कि एक बाहरी व्यक्ति को पिच पर कैसे जाने दिया गया तो चौधरी ने कहा, एसीयू से जुडे सभी व्यक्ति जवाबदेह होंगे.
किसी भी मामले में पिच के बीच में जाने की इजाजत कुछ चुनिंदा लोगों को ही है. जब बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह कुमार को ईमेल लिख रहे हैं कि ताकि उनकी टीम इस घटना पर अपडेट दें. खन्ना ने कहा, एमसीए के पूर्व अध्यक्ष अजय शिर्के और मौजूदा अध्यक्ष अभय आप्टे ने सालगांवकर को रिटायर होने के बाद करियर जारी रखने में मदद की. उन्हें एमसीए से प्रति महीना 65,000 रुपये का वेतन मिलता है और साथ ही बीसीसीआई की पेंशन भी है. वह बीसीसीआई के स्वतंत्र क्यूरेटरों में शामिल हैं.
हम अभय और अजय दोनों के लिये बुरा महसूस कर रहे हैं. सालगांवकर ने उन्हें निराश किया. महाराष्ट्र के पूर्व तेज गेंदबाज सालगांवकर को 70 के दशक के शुरू और मध्य में भारतीय टीम में शामिल होने का दावेदार समझा जा रहा था. वह 1974 में श्रीलंका के खिलाफ एक अनिधिकृत सीरीज में भारतीय टीम के साथ दौरे पर गये थे. सुनील गावस्कर की आत्मकथा सन्नी डेज में उनका जिक्र है जो टीम में शामिल करने के दावेदार थे लेकिन दुर्भाग्यशाली रहे कि राष्ट्रीय टीम की जर्सी नहीं पहन सके.
उन्होंने 63 प्रथम श्रेणी मैचों में 214 विकेट चटकाये थे. इस खुलासे से बीसीसीआई के भ्रष्टाचार रोधी तंत्र की कार्य पद्धति में गंभीर खामियों का पता चलता है लेकिन चौधरी ने कहा कि आज का मैच होना चाहिए. उन्होंने कहा, यह फैसला केवल आईसीसी मैच रैफरी ही कर सकता है. आपको सबूत चाहिए कि पिच से छेड़छाड़ की गयी है, ऐसा होने की स्थिति में ही मैच रद्द हो सकता है. यह मैच रैफरी का निर्णय होगा. लेकिन मेरी राय से मैच होगा. पुणे की पिच पहले भी सुर्खियों में रह चुकी है. फरवरी में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के बाद आईसीसी ने इसे खराब रेटिंग दी थी.
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस पिच पर भारत को 333 रन से मात दी थी जिसमें घरेलू टीम दो पारियों में 105 और 107 रन पर सिमट गयी थी. यह मैच भी तीन दिन में खत्म हो गया था. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने इसे हैरानी भरा बताया था.