बीसीसीआई ने आईपीएल जांच के लिये तीन सदस्यीय समिति का सुझाव दिया

मुंबई: आईपीएल स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण से मुसीबतों में घिरे बीसीसीआई ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए आज पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री और पूर्व सीबीआई निदेशक आर के राघवन सहित तीन सदस्यीय समिति का सुझाव दिया लेकिन उसके इस कदम का तुरंत ही याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2014 11:50 PM

मुंबई: आईपीएल स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण से मुसीबतों में घिरे बीसीसीआई ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए आज पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री और पूर्व सीबीआई निदेशक आर के राघवन सहित तीन सदस्यीय समिति का सुझाव दिया लेकिन उसके इस कदम का तुरंत ही याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने पुरजोर विरोध कर दिया.

बोर्ड की कार्य समिति ने यहां आपात बैठक के दौरान जांच समिति के तीसरे सदस्य कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएन पटेल बनाये गये हैं. पता चला है कि लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के नाम पर भी बैठक में विचार किया गया लेकिन बाद में कार्य समिति ने उपरोक्त तीन लोगों को चुना.

उच्चतम न्यायालय ने 16 अप्रैल को मामले की पिछली सुनवाई के दौरान आईपीएल छह स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण की ‘निष्पक्ष जांच’ के लिए लोगों के नाम का सुझाव देने को कहा था. उच्चतम न्यायालय के 22 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान बीसीसीआई के सुझाव पर विचार करने और जांच के भविष्य के रुख पर आदेश देने की संभावना है.

बोर्ड से मान्यता प्राप्त कुछ इकाइयों ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद कार्य समिति की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई. तीन सदस्यीय समिति के नामों की घोषणा के तुरंत बाद आईपीएल स्पाट फिक्सिंग के मामले में बीसीसीआई को उच्चतम न्यायालय में घसीटने वाले गैरमान्यता प्राप्त क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (कैब) के प्रमुख आदित्य वर्मा ने इसका विरोध किया तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई ) या राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) में से किसी एक से आईपीएल के इस प्रकरण की जांच की मांग की है.

वर्मा ने बयान जारी करके कहा, ‘‘केवल सीबीआई और एनआईए की जांच ही मुङो स्वीकार्य है क्योंकि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मुदगल समिति बीसीसीआई को स्वीकार नहीं है तो फिर मैं उनके जांच पैनल पर क्यों विचार करुंगा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ 22 अप्रैल 2014 को मैं अपने कैब की तरफ से उच्चतम न्यायालय में बीसीसीआई पैनल का पुरजोर विरोध करुंगा और सीबीआई या एनआईए जांच की मांग करुंगा. केवल उच्चतम न्यायालय ही बीसीसीआई की छवि बदल सकता है. ’’ वर्मा ने शास्त्री को पैनल में शामिल करने का विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘‘मुङो दो सदस्यों की विश्वसनीयता पर संदेह नहीं है लेकिन रवि शास्त्री पिछले लंबे समय से बीसीसीआई के वैतनिक कर्मचारी हैं. आईपीएल छह घोटाले के बाद पिछले कुछ दिनों तक वह हमेशा श्रीनि चालीसा जपते रहे इसलिए शास्त्री से कोई उम्मीद नहीं है.’’ वर्मा ने इससे पहले बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर को आईपीएल प्रकरण की जांच पैनल का प्रमुख बनाने की मांग की थी.

उच्चतम न्यायालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि बीसीसीआई को अपनी संस्थानिक स्वायत्तता बनाए रखने के लिए एन श्रीनिवासन और 12 अन्य के खिलाफ सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में जांच करनी चाहिए क्योंकि न्यायालय न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति द्वारा लगाए गए आरोपों पर आंखे बंद नहीं कर सकता.

न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति एफएम इब्राहिम खलीफुल्ला की खंडपीठ हालांकि एसआईटी या सीबीआई से जांच कराने के पक्ष में नहीं थी. खंडपीठ ने कहा था कि बीसीसीआई की संस्थानिक स्वायत्तता बनाए रखना जरुरी है और इस मुद्दे पर गौर करने के लिए बीसीसीआई द्वारा गठित समिति को प्राथमिकता दी जाएगी.

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