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एक समय मैं सोच रहा था दोबारा चल भी पाऊंगा या नहीं, भाग्यशाली हूं खेल रहा हूं : रोहित

नागपुर : एक साल से भी अधिक समय बाद पहला टेस्ट खेलते हुए शतक जडने वाले रोहित शर्मा को श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में कप्तान बनाया गया है. विराट कोहली ने एक साधारण बातचीत में कहा था कि लगातार क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी को भी आराम की जरूरत होती है. उन्हें दूसरे टेस्ट […]

नागपुर : एक साल से भी अधिक समय बाद पहला टेस्ट खेलते हुए शतक जडने वाले रोहित शर्मा को श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में कप्तान बनाया गया है. विराट कोहली ने एक साधारण बातचीत में कहा था कि लगातार क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी को भी आराम की जरूरत होती है. उन्हें दूसरे टेस्ट मैच में आराम दिया गया और रोहित शर्मा को टीम की कमान सौंपी गयी है. रोहित शर्मा हाल में ही एक बड़ी चोट से उबर कर मैदान में लौटें है.

रोहित ने करियर के लिए खतरा बनी जांघ की चोट से उबरने के बाद श्रीलंका के खिलाफ यहां दूसरे टेस्ट में नाबाद 102 रन की पारी खेलते हुए अपना तीसरा टेस्ट शतक जडा जो लंबे प्रारुप में चार साल से अधिक समय में उनका पहला शतक है. दस साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान सिर्फ 22 टेस्ट खेलने के संदर्भ में पूछने पर रोहित ने दूसरे टेस्ट के बाद संवाददाताओं से कहा, आपके जीवन में हमेशा ही मलाल होते हैं. यहां तक कि अगर आप 10000 रन बनाओगे तो भी आपको लगेगा कि मुझे 15000 रन बनाने चाहिए थे या लोग आपसे कहेंगे, आपको 15000 रन बनाने चाहिए थे.

उन्होंने कहा, लेकिन मैं भाग्यशाली हूं कि एक बार फिर अपने पैरों पर खडा हूं क्योंकि जब मैं इस चोट (2016 में जांघ की सर्जरी) से गुजर रहा था तो एक समय मैं सोच रहा था कि क्या मैं दोबारा चल भी पाऊंगा या नहीं. रोहित ने कहा, मैं भाग्यशाली हूं कि एक बार फिर अपने पैरों पर खडा हूं, खेल रहा हूं और रन बना रहा हूं, इसलिए हां, मैं खुश हूं. वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम के नियमित सदस्य रोहित ने कहा कि वह वर्तमान में जीना चाहते हैं और अतीत के बारे में नहीं सोचते. उन्होंने कहा, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अतीत में हो चुकी चीजों के बारे में सोचे. मैं उन चीजों को देखना चाहता हूं जो मेरे सामने हैं और मैं चीजों को इसी तरह से देखता हूं. जब मैं अनुभवहीन था और टीम में आया ही था तब मैं काफी चीजों के बारे में सोचा करता था लेकिन अब नहीं
रोहित ने कहा, मुझे उन चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए जो मेरे सामने आने वाली हैं और यही मायने रखता है. अतीत में जो हुआ वह गुजर चुका है. आप उसे कभी नहीं बदल सकते. मैं उन चीजों को बदल सकता हूं जो मेरे सामने हैं और दिल्ली टेस्ट मैच को लेकर बेताब हूं और इसके बाद एकदिवसीय श्रृंखला और फिर दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला. नागपुर के वीसीए स्टेडियम में ही 2010 में रोहित को पदार्पण करने का मौका मिलने वाला था लेकिन फुटबाल खेलने के दौरान उनके टखने में चोट लगी और फिर ऋद्धिमान साहा को बल्लेबाज के रुप में पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला. रोहित ने अब इसी वीसीए स्टेडियम में शतक जडा.
रोहित ने कहा, निजी तौर पर यह मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि मैं लगभग 500 दिन बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहा था. मैं इस मौके का इंतजार कर रहा था और मुझे खुशी है कि मैं टीम और अपने लिए रन बना पाया. उन्होंने कहा, मुझे याद है कि यही वह मैदान है जहां मैं चोटिल हो गया था और मुझे टेस्ट पदार्पण के लिए तीन साल तक इंतजार करना पडा। इस मैदान ने अब मुझे कुछ सुखद दिया है.

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