क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर के ओडीआई जर्सी ‘10’ को अंतत: बीसीसीआई ने रिटायर करने का मन बना लिया है. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आ रही हैं कि जर्सी ‘10’ सचिन की पहचान थी. सचिन ने वर्ष 2013 में संन्यास लिया था. उनके संन्यास के चार साल बाद बीसीसीआई ने एक नयी परंपरा स्थापित करने का प्रयास किया है. बीसीसीआई यह चाहता है कि जर्सी ‘10’ को अनौपचारिक रूप से रिटायर कर दिया जाये. इस जर्सी को सचिन ने अपने पूरे कैरियर और एक टी-20 मैच में भी पहना था.
अगर बात क्रिकेट की हो तो ऐसा बहुत कम ही हुआ है कि किसी नंबर को रिटायर कर दिया जाये. यह एक तरह से बड़ा सम्मान है उस खिलाड़ी के लिए जिसने अपने कैरियर में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की हो. अमेरिका के खेल जगत में यह आम परंपरा है. किसी महान खिलाड़ी की जर्सी को फिर कोई दूसरा व्यक्ति नहीं पहनता है.
बीसीसीआई ने इस महान परंपरा की क्रिकेट में शुरुआत कर दी है और अनौपचारिक रूप से सचिन के जर्सी ‘10’ को रिटायर कर दिया है.
सचिन ने क्रिकेट जगत को नवंबर 2013 में अलविदा कहा, उन्होंने इस जर्सी को अंतिम बार मार्च 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ पहना था. उनके रिटायरमेंट के बाद पांच साल तक यह नंबर किसी का किसी ने उपयोग नहीं किया. लेकिन बाद में तेज गेंदबाज शर्दूल ठाकुर ने इस नंबर को कोलंबो में अपने डेब्यू मैच में पहना. लेकिन इसके बाद वह लोगों के निशाने पर आ गये.
बीसीसीआई को भी लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया. अंतत: विवाद से बचने के लिए बीसीसीआई ने इस जर्सी को रिटायर करने का फैसला कर लिया है. यह फैसला लेने से पहले क्रिकेट बोर्ड ने देश के टॉप खिलाड़ियों से बातचीत की और वे इस बात पर सहमत थे कि जर्सी 10 को रिटायर कर दिया जाये.