कोहली ने छूए बेदी के पैर, तो मिली नसीहत ब्रेडमैन की तरह ईमानदारी बरतें

नयी दिल्ली : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि क्रिकेट के खेल को विश्व स्तर पर कायम रखने के लिए टेस्ट क्रिकेट को प्रमुख प्रारूप बनाये रखना जरूरी है. कोहली ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के पहले वार्षिक सम्मेलन के दौरान कहा, मेरा मानना है कि क्रिकेट को विश्व स्तर पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2017 11:54 AM
नयी दिल्ली : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि क्रिकेट के खेल को विश्व स्तर पर कायम रखने के लिए टेस्ट क्रिकेट को प्रमुख प्रारूप बनाये रखना जरूरी है. कोहली ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के पहले वार्षिक सम्मेलन के दौरान कहा, मेरा मानना है कि क्रिकेट को विश्व स्तर पर बनाये रखने के लिए टेस्ट क्रिकेट सर्वोपरि है. मैं युवाओं से आग्रह करुंगा कि वे खेल के लंबी अवधि वाले प्रारूप को अपनायें. इस यादगार शाम को बिशन सिंह बेदी और मोहिंदर अमरनाथ के नाम से स्टैंड का उदघाटन किये जाने के अवसर पर दिल्ली क्रिकेट के कई दिग्गज एक साथ दिखे.

कोहली ने इस अवसर पर अंडर-14 और अंडर-16 के दिनों को याद किया जब बेदी कोच थे. उन्होंने दिल्ली के इस दिग्गज स्पिनर तथा पूर्व भारतीय कप्तान मंसूर अली खां पटौदी की पत्नी शर्मिला टैगोर की उपस्थिति में कहा, मुझे याद है कि जब मैं दिल्ली के लिए अंडर-14 और अंडर-16 में खेला करता था. बेदी सर हमें काफी कड़ा अभ्यास करवाते थे. अब यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. कोहली ने कहा, दिल्ली के कप्तानों के साथ यहां पर खड़ा होना बहुत बड़ा सम्मान है. मैं खुद भी दिल्ली का कप्तान हूं. बेदी ने इस अवसर पर कहा, मैं मैदान पर उनकी (कोहली) कुछ हरकतों से भले ही सहमत नहीं हो सकता लेकिन जिस तरह से विराट मैदान पर अपना सब कुछ झोंक देता है वैसा मैंने किसी अन्य को नहीं देखा.

मैंने किसी भी अन्य भारतीय को विराट की तरफ जी जान लगाते हुए नहीं देखा. विराट जैसा वास्तव में कोई नहीं है. अपनी बेबाकी के लिए मशूहर बेदी ने इसके साथ ही कहा कि किस तरह से आजकल क्रिकेटर आईपीएल अनुबंध हासिल करने के लिए रणजी और दलीप ट्राफी का उपयोग करते हैं. उन्होंने ब्रेडमैन का जिक्र करते हुए कहा कि कोहली और तमाम खिलाड़ियों को खेल में उनके जैसी ईमानदारी बरतने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, भारत की तरफ से खेलने के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन काफी काम आता है. रणजी ट्राफी को रणजी ट्राफी की खातिर और दलीप ट्राफी को दलीप ट्राफी की खातिर खेला जाना चाहिए. मुझे इन टीमों के रेड, ब्लू और ग्रीन नाम समझ में नहीं आते. इस बीच अमरनाथ ने दिल्ली क्रिकेट के दिनों को याद किया. उन्होंने कहा, वह बिशन थे जिनकी अगुवाई में दिल्ली क्रिकेट को सम्मान मिला. वह केवल कप्तान ही नहीं थे लेकिन वास्तविक नेतृत्वकर्ता थे.

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