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कोहली के नाम रहा भारत-श्रीलंका टेस्ट सीरीज- टूट गये ब्रेडमैन, सचिन और लारा के रिकॉर्ड
नयी दिल्ली : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आज कहा कि श्रीलंका के खिलाफ ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट में उन्हें अपनी बल्लेबाजी का यह पहलू भी पता चला कि पांच दिवसीय मैच में गेंद को हिट करना वनडे से कुछ अलग नहीं है. कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ अंतिम मैच में महज 287 गेंद में […]
नयी दिल्ली : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने आज कहा कि श्रीलंका के खिलाफ ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट में उन्हें अपनी बल्लेबाजी का यह पहलू भी पता चला कि पांच दिवसीय मैच में गेंद को हिट करना वनडे से कुछ अलग नहीं है.
कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ अंतिम मैच में महज 287 गेंद में 24 चौकों की मदद से 243 रन की पारी खेली. उन्होंने कहा कि यह उनके लिये नयी बात ही थी कि वह टेस्ट क्रिकेट में उसी तेजी से खेल सकते हैं जैसे वह वनडे में खेलते हैं.
कप्तान ने मैच के बाद कहा, व्यक्तिगत रुप से बताऊं तो मैं बहुत ही अच्छी तरह गेंद हिट कर रहा था और यह एक तरह से मेरे लिये नई बात ही थी कि मैं टेस्ट में भी गेंद को उसी तरह हिट कर सकता हूं और उतनी ही तेजी से रन बना सकता हूं जैसा मैं वनडे में करता हूं. मैं हमेशा इससे थोड़ा हिचकता था लेकिन इसने मुझे महसूस कराया कि आप टेस्ट क्रिकेट में भी खेल को आगे बढ़ा सकते हो. कोहली को मैन आफ द मैच और मैन आफ द सीरीज दोनों चुना गया.
उन्होंने तीन शतकों से श्रृंखला में 610 रन जोड़े जिसमें दो दोहरे शतक भी शामिल हैं. कोहली की यह 243 रन की पारी उनका छठा दोहरा शतक थी और वह छह टेस्ट दोहरे शतक जड़ने वाले पहले कप्तान बन गये थे जिससे उन्होंने वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर ब्रायन लारा को पीछे छोड़ा जिनके नाम बतौर कप्तान पांच दोहरे शतक थे.
यह कोहली का सबसे बड़ा स्कोर भी था, इस तरह उन्होंने मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ पिछले 235 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी को पीछे छोड़ा. उन्होंने सबसे ज्यादा दोहरे शतकों में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की भी पछाड़ा.
यह पूछने पर कि जब वह शतक जैसी उपलब्धि के करीब पहुंचते हैं तो उनके दिमाग में क्या चल रहा होता है तो कोहली ने कहा, जब मैं कप्तान नहीं था, तो हर बार हालात का अंदाजा लगाना मुश्किल था. जब मैं टेस्ट क्रिकेट में पैर जमा रहा था तो मैं दबाव में था. जब मैं एक उपलब्धि तक पहुंच गया तो मैं एक तरह से रिलैक्स हो जाता था. लेकिन अब यह काफी अलग है.
इस स्टार क्रिकेटर ने कहा, अब बतौर कप्तान, मुझे शतक या 150 रन पहुंचने के बाद बल्लेबाजी करते रहना जारी रखना पड़ता है और स्कोरबोर्ड पर जितने ज्यादा संभव हो रन जुटाकर आगे बढ़ते रहना होता है. या फिर अगर मैं दूसरी पारी में बल्लेबाजी कर रहा हूं तो ऐसे हालात बनाने होते हैं जिसमें गेंदबाज को विपक्षी टीम को बाद में आउट करने के लिये एक अतिरिक्त ओवर मिल जाये.
भारतीयों ने श्रीलंका की पहली पारी में कुछ कैच ड्राप किये और कोहली ने स्वीकार किया कि टीम को दक्षिण अफ्रीका के दौरे से पहले स्लिप क्षेत्ररक्षण में सुधार करने की जरुरत है. कोहली ने कहा, पहली और दूसरी स्लिप में अगर आप अच्छा अभ्यास करो तो आप इसके आदी हो सकते हो. हमनें इस क्षेत्र में कमी देखी है जिसमें हमें काम करने की जरुरत है.
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