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धौनी और चहल ने दिलायी भारत को टी20 में सबसे बड़ी जीत, श्रीलंका को 93 रन से रौंदा

कटक : महेंद्र सिंह धौनी के विकेट के आगे और विकेट के पीछे के चिरपरिचित दिलकश प्रदर्शन तथा युजवेंद्र चहल की बलखाती गेंदों के करिश्मे से भारत ने बुधवार को यहां श्रीलंका को पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 93 रन से करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की श्रृंखला का जोरदार आगाज किया. शिखर धवन […]

कटक : महेंद्र सिंह धौनी के विकेट के आगे और विकेट के पीछे के चिरपरिचित दिलकश प्रदर्शन तथा युजवेंद्र चहल की बलखाती गेंदों के करिश्मे से भारत ने बुधवार को यहां श्रीलंका को पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 93 रन से करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की श्रृंखला का जोरदार आगाज किया.

शिखर धवन को विश्राम देने के कारण अंतिम एकादश में जगह बनाने वाले केएल राहुल ने मौके का पूरा फायदा उठाकर 48 गेंदों पर सात चौकों और एक छक्के की मदद से 61 रन बनाये, लेकिन वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे महेंद्र सिंह धौनी (22 गेंदों पर नाबाद 39) और मनीष पांडे (18 गेंदों पर नाबाद 32) थे जिन्होंने टीम को तीन विकेट पर 180 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया. इन दोनों ने 33 गेंदों पर 68 रन की अटूट साझेदारी की. इनमें से 61 रन आखिरी चार ओवरों में बने.

श्रीलंकाई टीम भारत के कलाईयों के स्पिनरों के जाल में बुरी तरह फंसकर 16 ओवर में 87 रन पर ढेर हो गयी. लेग स्पिनर चहल ने चार ओवर में 23 रन देकर चार जबकि चाइनामैन कुलदीप ने 18 रन देकर दो विकेट लिये. हार्दिक पंड्या ने पुछल्ले बल्लेबाजों पर कहर बरपाया और 29 रन देकर तीन विकेट लिये. धौनी ने दो कैच और दो स्टंप किये.
भारत की यह टी20 में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले उसने 2012 में इंग्लैंड को कोलंबो में 90 रन से हराया था. इससे पहले टेस्ट और वनडे श्रृंखला गंवाने वाला श्रीलंका गेंदबाजी में बीच के ओवरों को छोड़कर किसी भी समय मुकाबले में नहीं दिखा. जयदेव उनादकट (सात रन देकर एक विकेट) ने पारी के दूसरे ओवर में ही निरोशन डिकवेला (13) को धीमी गेंद पर गच्चा देकर कैच देने के लिये मजबूर किया. यह उनका इस प्रारुप में पहला विकेट भी था.
अच्छी फार्म में चल रहे उपुल थरंगा (16 गेंद पर 23 रन) खतरनाक मूड में दिख रहे थे. शायद यही वजह थी के रोहित शर्मा ने पांचवें ओवर में ही चहल को गेंद सौंप दी और यहीं से एकदम से कहानी बदल गयी. थरंगा ने उन पर पहले स्क्वायर लेग पर चौका और छक्का लगाया लेकिन चहल विचलित नहीं हुए. वह इसी ओवर में बायें हाथ के इस बल्लेबाज को धौनी के हाथों कैच कराने में सफल रहे. चहल ने इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज (एक), असेला गुणरत्ने (चार) और तिसारा परेरा (तीन) को भी पवेलियन भेजा.
धौनी ने थरंगा का कैच तथा गुणरत्ने और तिसारा को बडी खूबसूरती से स्टंप आउट करके दिखा दिया कि विकेट के पीछे भी उनकी चपलता, सूझबूझ और फुर्ती का कोई सानी नहीं. धौनी इसके साथ ही टी20 क्रिकेट में 200 शिकार करने वाले दूसरे विकेटकीपर भी बने. पाकिस्तान के कामरान अकमल (207) इस मुकाम पर पहुंचने वाले पहले विकेटकीपर थे. कुलदीप यादव ने पहले दासुन शनाका (एक) और फिर दूसरे ओवर में क्रीज पर कदम रखने वाले कुसाल परेरा (28 गेंदों पर 19 रन) को पवेलियन भेजा. कुसाल परेरा का कैच भी धोनी ने लिया. पंड्या ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर अपना गेंदबाजी विश्लेषण सुधारा.
इससे पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार कप्तानी कर रहे रोहित का टास ने साथ नहीं दिया और वह लंबी पारी खेलने में भी नाकाम रहे. वह हालांकि इस बीच टी20 अंतरराष्ट्रीय में 1500 रन पूरे करने वाले भारत के दूसरे (विराट कोहली के बाद) और विश्व के 13वें बल्लेबाज बने लेकिन एंजेलो मैथ्यूज की फुललेंथ गेंद पर वह सही टाइमिंग से शाट नहीं लगा पाये और दुशमंत चमीरा ने दौड़कर उसे कैच में बदल दिया.
रोहित ने 13 गेंदों पर 17 रन बनाये. मैथ्यूज गेंद की सीम को अच्छी तरह से हिट करा रहे थे जिससे उनके सामने खुलकर खेलना मुश्किल था लेकिन राहुल उनकी एक गेंद को स्क्वायर लेग के पीछे छह रन के लिये भेजने में कामयाब रहे. राहुल ने इसके बाद 35 गेंदों पर टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपना दूसरा अर्धशतक पूरा किया. इस बीच वह डीआरएस का सहारा लेकर पगबाधा आउट होने से भी बचे.
श्रीलंका ने हालांकि 11वें से 16वें ओवर तक केवल 35 रन दिये और इस बीच श्रेयस अय्यर और राहुल के महत्वपूर्ण विकेट लिये. वनडे में दो अर्धशतक जड़ने वाले अय्यर (24) ने चमीरा पर शुरू में जमाये गये दो चौकों से अपना आत्मविश्वास दिखाया, लेकिन वह यहां लंबी पारी नहीं खेल पाये. नुवान प्रदीप की गेंद थर्ड मैन पर खेलने के प्रयास में उन्होंने विकेटकीपर डिकवेला को कैच थमाया. राहुल भी इसके तुरंत बाद कप्तान तिसारा परेरा की धीमी गेंद को चूककर बोल्ड हो गये.
धौनी को पिछले कुछ समय से नंबर चार पर उतारने की बात चल रही थी और रोहित ने इस पर अमल किया. उन पर डेथ ओवरों की जिम्मेदारी थी और उन्होंने अपने सहज अंदाज में इसे निभाया. उनके ताकत से भरे शाट और पांडे की बेपरवाह अंदाज में की गयी लप्पेबाजी ने दर्शकों का अच्छा मनोरंजन किया. पांडे का चमीरा पर मिडविकेट पर लगाया गया छक्का गगनदायी और प्रदीप की गेंद पर थर्डमैन पर जमाया गया छक्का अपर कट का शानदार नमूना था. धौनी ने चार चौकों के अलावा पारी की आखिरी गेंद पर छक्का भी जड़ा.

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