राज्यसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा, सचिन तेंदुलकर को भी नहीं बोलने दिया
नयी दिल्ली : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर गुरुवार को राज्यसभा में पहली बार भाषण देने वाले थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका. विपक्ष के हंगामें के कारण वे कुछ बोल नहीं सके. 10 मिनट तक सचिन अपनी सीट पर खड़े रहे. इस दौरान उनके चेहरे पर केवल हल्की मुस्कान देखी गयी. सदन में की स्थिति […]
नयी दिल्ली : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर गुरुवार को राज्यसभा में पहली बार भाषण देने वाले थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका. विपक्ष के हंगामें के कारण वे कुछ बोल नहीं सके. 10 मिनट तक सचिन अपनी सीट पर खड़े रहे. इस दौरान उनके चेहरे पर केवल हल्की मुस्कान देखी गयी.
सदन में की स्थिति देख अध्यक्ष वैंकया नायडू ने हंगामा कर रहे लोगों से आग्रह किया कि वे सचिन को बोलने दें.
सचिन तेंदुलकर राज्यसभा में ‘राइट टू प्ले’ के मुद्दे पर चर्चा करने वाले थे. 2012 में सांसद मनोनीत होने के बाद सचिन का राज्यसभा में ये पहला भाषण होने वाला था. इसके लिए उन्हें दोपहर 2 बजे का समय मिला था. सचिन अपने भाषण के दौरान देश में खेल और खिलाड़ियों को लेकर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों और किस तरह भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है इस पर अपने विचार रखने वाले थे.
यही नहीं सचिन स्कूली शिक्षा में खेल को एक सिलेबस के तौर पर पेश किये जाने को लेकर भी चर्चा करने वाले थे. आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित टिप्पणी और 2-जी घोटाला मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के अदालत के फैसले को लेकर सत्ता पक्ष से स्पष्टीकरण की मांग कर रहे कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब बीस मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी जिसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर सचिन को बोलना था.
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
गौर हो कि दो महीने पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों से कहा था कि वो खेल और फिजिकल एक्टिविटी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, क्योंकि भारतीय बच्चों में मोटापा की दिक्कत बढ़ती जा रही है.