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खुल गया राज, तो इसलिए हर देश भारत के साथ खेलना चाहता है क्रिकेट

कराची : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजम सेठी ने कहा कि सभी टीमें भारत के खिलाफ ज्यादा मैच खेलना चाहती हैं ताकि वे अधिकतम राजस्व अर्जित कर सकें. सेठी ने इस बात को नकार दिया कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने हर समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को अपने काबू (बंधक बनाकर) में रखता है. […]

कराची : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजम सेठी ने कहा कि सभी टीमें भारत के खिलाफ ज्यादा मैच खेलना चाहती हैं ताकि वे अधिकतम राजस्व अर्जित कर सकें. सेठी ने इस बात को नकार दिया कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने हर समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को अपने काबू (बंधक बनाकर) में रखता है.

सेठी ने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमें बंधक जैसे शब्द का प्रयोग करना चाहिये. असल बात यह है कि प्रसारक भारत से हैं. भारत के पास पैसा है. आईसीसी का हर सदस्य भारत के खिलाफ खेलना चाहता है ताकि ज्यादा कमाई कर सकें. इसके साथ ही भारत शीर्ष टीमों में से एक है. उन्होंने कहा, भारत का दृष्टिकोण ये है कि वे राजस्व के मामले में आईसीसी को सबसे अधिक योगदान देते है ऐसे में उन्हें आईसीसी से भी अधिक राजस्व मिलना चाहिये लेकिन हमारे लिए आईसीसी के सभी सदस्य एक समान हैं. उन्होंने कहा कि एशियाई क्रिकेट परिषद ने अगले साल होने वाले एशिया कप और एशियाई एमरजिंग नेशन कप के स्थलों के बारे में फैसले को रोक दिया है.

सेठी ने कहा, एशिया कप आर एशिया एमर्जिंग नेशन्स कप टूर्नामेंट ऐसे मुद्दे है जो हमारे समक्ष लंबित है और देखते है इसमें क्या होता है. एमर्जिंग नेशन्स कप का आयोजन पहले अप्रैल में पाकिस्तान में होना तय हुआ था. उन्होंने कहा, पाकिस्तान में हमेशा काफी उथल-पुथल रहा है और भारत के साथ (क्रिकेट में भी) उसके रिश्तें अच्छे नहीं रहे है. सेठी ने कहा कि यह गलत धारणा है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ खेलने को आतुर है और उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपने हक की बात कर रहा.
उन्होंने कहा, भारत के खिलाफ खेलने के लिये हमारे झुकने का सवाल ही नहीं है. यह हमारे अधिकारी की बात है. यह 100 से 150 मिलियन अमेरिकी डालर के राजस्व के बारे में है और उसे छोड़ना हमारे लिये सहीं नहीं है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान और भारत के मैच से बडा कुछ भी नहीं. हम उनसे सिर्फ अनुबंध संबंधी दायित्व को पूरा करने की मांग कर रहे है और अगर वे ऐसा नहीं कर सकते है तो उन्हें करार पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिये था.

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