नयी दिल्ली : शिखर धवन की पत्नी और बच्चों को दुबई हवाईअड्डे पर केपटाउन के लिये आगे की उडान लेने से रोक दिया गया जहां भारत पांच जनवरी से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआती टेस्ट खेलेगा. धवन के परिवार को पहचान के लिये जन्म प्रमाणपत्र और कुछ अन्य दस्तावेज दिखाने के लिये कहा गया जो उनके पास उस समय मौजूद नहीं थे.
धवन ने अपने परिवार के बिना दक्षिण अफ्रीका पहुंचने के बाद सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, एमिरेट्स की ओर से यह बहुत ही गैर पेशेवर रवैया है. मैं अपने परिवार के साथ दक्षिण अफ्रीका जाने के रास्ते में थे और मुझे कहा गया कि मेरी पत्नी और बच्चे दुबई से दक्षिण अफ्रीका की फ्लाइट नहीं ले सकते.
मुझे हवाईअड्डे पर बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज दिखाने के लिये कहा गया जो निश्चित रुप से उस समय मेरे पास नहीं थे. भारतीय सलामी बल्लेबाज ने एक अन्य ट्वीट में कहा, वे अभी दुबई हवाईअड्डे पर हैं और दस्तावेज आने का इंतजार कर रहे हैं. एएमिरेट्स ने इस तरह की चीज के बारे में तब क्यों नहीं बताया कि जब हम मुंबई से फ्लाइट ले रहे थे. एमिरेट्स का एक कर्मचारी ने बिना किसी कारण के असभ्य था. हालांकि एमिरेट्स के प्रवक्ता ने कहा कि विमान कंपनी सिर्फ नियमों का पालन कर रही थी.
प्रवक्ता ने कहा, हमें पता है कि परिवार अपनी योजना के मुताबिक यात्रा को जारी नहीं रख पाया. किसी भी असुविधा के लिए हमें खेद है. उन्होंने कहा, एक जून 2015 से लागू हुये दक्षिण अफ्रीकी नियमों के मुताबिक, 18 साल से कम आयु के बच्चे या किशोर के साथ यात्रा करने वाले को उसका अभिभावक होने का प्रमाण देना होता है, जबकि बच्चे के साथ यात्रा कर रहे अकेले अभिभावक को दूसरे सहयोगी (पति या पत्नी) की रजामंदी दिखानी होती है. उन्होंने कहा, दूसरी सभी विमान कंपनियों की तरह, हमें भी उस देश के नियमों का पालन करना पड़ता है जहां हम विमान सेवा देते हैं. यह यात्रियों की जिम्मेदारी है कि यात्रा से पहले उस देश के लिये जरुरी कागजात तैयार रखे.