नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज बीसीसीआई को यह आदेश दिया है कि वह बिहार राज्य की टीम को रणजी ट्रॉफी सहित घरेलू क्रिकेट की तमाम स्पर्धाओं में खेलने वाली टीम के रूप में शामिल करे. कोर्ट के इस आदेश के बाद बिहार के क्रिकेट प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज यह फैसला गैर मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया.
Supreme Court directs the Board of Control for Cricket in India (BCCI) to allow the Bihar state team to participate in Ranji trophy and other cricket tournaments.
— ANI (@ANI) January 4, 2018
गौरतलब है कि वर्ष 2000 में जब बिहार राज्य का बंटवारा हुआ तो शुरू में सब कुछ ठीक था. लालू प्रसाद यादव को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया था. लालू यादव ने बतौर अध्यक्ष बीसीसीआइ की बैठक में हिस्सा लिया था और बोर्ड के चुनाव में अपना वोट भी डाला था. तब अध्यक्ष पद के लिए जगमोहन डालमिया और एसी मुथैया में मुकाबला था.
लालू ने मुथैया को वोट किया था लेकिन चुनाव डालमिया जीत गये और इसी के बाद बिहार क्रिकेट पर ग्रहण लग गया. डालमिया ने मतदान का बदला बिहार क्रिकेट से लिया. अध्यक्ष बनते ही उन्होंने बिहार क्रिकेट संघ को तो मान्यता नहीं दी लेकिन झारखंड क्रिकेट को दे दी.
जिसके कारण बिहार राज्य की टीम घरेलू टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बन पा रही थी. लेकिन आदित्य वर्मा ने टीम को मान्यता दिलाने के लिए जंग जारी रखी और अंतत: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के हक में फैसला दिया. कोर्ट के फैसले के बाद बिहार के क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह है और उन्हें ऐसा लग रहा है कि अब बिहार के खिलाड़ियों का भविष्य उज्जवल होगा.