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IND vs SA : गेंदबाजों की मेहनत पर बल्लेबाजों ने फेरा पानी, केपटाउन में भारत की शर्मनाक हार

केपटाउन : वर्नोन फिलैंडर की अगुवाई वाले आक्रमण के सामने चोटी के बल्लेबाजों के दूसरी पारी में भी शर्मनाक प्रदर्शन के कारण भारत को आज यहां दक्षिण अफ्रीका के हाथों पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में चौथे दिन 72 रन से हार का सामना करना पड़ा. भारतीय गेंदबाजों ने टीम के लिये जीत का मंच सजाया […]

केपटाउन : वर्नोन फिलैंडर की अगुवाई वाले आक्रमण के सामने चोटी के बल्लेबाजों के दूसरी पारी में भी शर्मनाक प्रदर्शन के कारण भारत को आज यहां दक्षिण अफ्रीका के हाथों पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में चौथे दिन 72 रन से हार का सामना करना पड़ा.
भारतीय गेंदबाजों ने टीम के लिये जीत का मंच सजाया था लेकिन बल्लेबाज नहीं चले. भारत के सामने 208 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी पूरी टीम 42.4 ओवर में 135 रन पर ढेर हो गयी. फिलैंडर ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 46 रन देकर छह विकेट लिये. भारत की तरफ से आठवें नंबर के बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन ने सर्वाधिक 37 रन बनाये. बल्लेबाजों की नाकामी से भारतीय गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन भी बेकार चला गया.
मोहम्मद शमी (28 रन देकर तीन विकेट) और जसप्रीत बुमराह (39 रन देकर तीन विकेट) ने चौथे दिन पहले सत्र में कहर बरपाया जिससे भारत ने 65 रन के अंदर दक्षिण अफ्रीका के बाकी बचे आठ विकेट निकालकर उसकी पूरी टीम को दूसरी पारी में 130 रन पर ढेर कर दिया. तीसरे दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ने के बाद चौथे दिन 200 रन बने और इस बीच 18 विकेट निकले. भारतीय बल्लेबाज पहली पारी में भी नहीं चल पाये थे.
हार्दिक पंड्या के 93 रन के बावजूद भारतीय टीम 209 रन पर आउट हो गयी. इस तरह से पहली पारी में 286 रन बनाने वाले दक्षिण अफ्रीका ने 77 रन की बढ़त हासिल की थी. दक्षिण अफ्रीका ने इस तरह से तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनायी. दूसरा टेस्ट मैच 13 जनवरी से सेंचुरियन में खेला जाएगा. भारत के पास दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट में अपनी तीसरी जीत दर्ज करने का सुनहरा अवसर था लेकिन टीम के नामी बल्लेबाजों लगातार दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीकी आक्रमण के सामने घुटने टेक दिये.
यह आलम तब था जबकि दक्षिण अफ्रीका अपने मुख्य तेज गेंदबाज डेल स्टेन जो पहली पारी में गेंदबाजी करते समय चोटिल हो गये थे. लेकिन फिलैंडर, मोर्ने मोर्कल (39 रन देकर दो) और कैगिसो रबादा (41 रन देकर दो) ने स्टेन की कमी नहीं खलने दी तथा अपनी तेजी और उछाल लेती गेंदों से भारतीय बल्लेबाजों को गलतियां करने के लिये मजबूर किया.
शिखर धवन (16) और मुरली विजय (13) को शुरू से संघर्ष करना पड़ा लेकिन वे लगातार दूसरी पारी में अच्छी शुरुआत देने में नाकाम रहे. भारत ने नौ रन के अंदर दोनों सलामी बल्लेबाजों के अलावा भरोसेमंद चेतेश्वर पुजारा (चार) का विकेट गंवा दिया. कप्तान विराट कोहली (28) और रोहित शर्मा (दस) ने चौथे विकेट के लिये 32 रन जोड़कर कुछ उम्मीद बंधायी लेकिन भारत ने फिर 11 रन के अंदर चार विकेट गंवा दिये.
भारत लंच के बाद लक्ष्य का पीछा करने के लिये उतरा. धवन तेजी से रन बनाने के मूड में दिखे जबकि विजय को फिलैंडर के सामने संघर्ष करना पड़ा. विजय को दो बार डीआरएस रिव्यू से जीवनदान मिला लेकिन आठवें ओवर में फिलैंडर की गेंद पर उन्होंने विकेट के पीछे कैच दे दिया. इसके छह गेंद बाद धवन ने पहली पारी की तरह पुल करने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया. मोर्कल ने इसके बाद पुजारा को को भी विकेटकीपर क्विटंन डिकाक के हाथों कैच कराया.
कोहली और रोहित जब थोड़ी उम्मीद बंधा रहे थे तब फिलैंडर ड्रिंक्स के बाद छोर बदलकर आये और उन्होंने कोहली को पगबाधा आउट कर दिया. केशव महाराज ने रोहित का आसान कैच छोड़ा लेकिन यह बल्लेबाज इसका फायदा नहीं उठा पाया. एक ओवर बाद उन्होंने फिलैंडर की गेंद विकेटों पर खेल दी. पहली पारी के नायक पंड्या (एक) ने इसके बाद रबादा की गेंद पर स्लिप में कैच थमाया.
ऋद्धिमान साहा (आठ) को चाय के विश्राम से ठीक पहले रबादा ने पगबाधा आउट किया. अश्विन और भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 13) ने इसके बाद आठवें विकेट के लिये 49 रन की साझेदारी करके भारतीय खेमे में चमत्कार की हल्की उम्मीद जगायी. इन दोनों ने मंझे हुए बल्लेबाज की तरह कुछ अच्छे शाट लगाये और 78 गेंद तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया. फिलैंडर ने ऐसे समय में एक ओवर में तीन विकेट लेकर भारतीय पारी का अंत किया. उनकी पहली गेंद पर क्विटंन डिकाक ने अश्विन का बेहतरीन कैच लिया. अपनी तीसरी और चौथी गेंद पर उन्होंने शमी (चार) और बुमराह को स्लिप में कैच कराया.
फिलैंडर को मैन आफ द मैच चुना गया. इससे पहले तीसरे दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ जाने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने सुबह दो विकेट पर 65 रन से आगे खेलना शुरू किया और दूसरे ओवर से ही विकेटों का पतन शुरू हो गया. शमी ने हाशिम अमला (चार) को गली में खड़े रोहित के हाथों कैच कराया जिन्होंने नीचा कैच लिया. इसका फैसला करने के लिये तीसरे अंपायर की मदद ली गयी. रीप्ले से बहुत स्पष्ट नहीं हो रहा था और आखिर में मैदानी अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया. इसके चार ओवर बाद शमी ने नाइटवाचमैन रबादा (पांच) को दूसरी स्लिप में कैच कराया. कप्तान फाफ डु प्लेसिस (शून्य) भी नहीं टिक पाये.
बुमराह ने उन्हें विकेटकीपर साहा के हाथों कैच कराकर स्कोर पांच विकेट पर 82 रन कर दिये. साहा ने इस मैच में दस कैच लिये जो भारतीय रिकार्ड है. बुमराह ने इसके बाद डिकाक (आठ) को भी पवेलियन भेजकर स्कोर छह विकेट पर 92 रन कर दिया. एबी डिविलियर्स (35) ने एक छोर संभाले रखा और इस बीच दो चौके और दो छक्के लगाये. उन्हें हालांकि दूसरे छोर से कोई मदद नहीं मिली.
शमी ने फिलैंडर (शून्य) को पगबाधा आउट करके अपने सुबह छह ओवर में 11 रन देकर तीन विकेट हासिल कर दिये. दक्षिण अफ्रीका ने 35वें ओवर में 100 रन की संख्या पार की. महाराज (15) ने कुछ शाट लगाये. इसके बाद भुवनेश्वर (33 रन देकर दो विकेट) गेंदबाजी के लिये आये और उन्होंने महाराज को विकेट के पीछे कैच कराया. साहा ने मैच का अपना दसवां कैच भुवनेश्वर की गेंद पर मोर्ने मोर्कल (दो) का लिया.
साहा ने एक मैच में सर्वाधिक शिकार का महेंद्र सिंह धोनी का भारतीय रिकार्ड तोड़ा जिन्होंने अपने आखिरी टेस्ट मैच में मेलबर्न में 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नौ शिकार किये थे जिसमें आठ कैच और एक स्टंप शामिल है. बुमराह ने आखिर में डिविलियर्स को सीमा रेखा पर कैच कराया जो तेजी से रन बनाने के प्रयास में लंबा शाट खेलना चाह रहे थे. डेल स्टेन टखने की चोट के बावजूद बल्लेबाजी के लिये उतरे और आखिर में नाबाद रहे.

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