नयी दिल्ली :दक्षिण अफ्रीका ने भारत को दूसरे टेस्ट में 135 रन से हरा कर श्रृंखला 2-0 से अपने नाम कर लिया है. टीम इंडिया खेल के आखिरी दिन टीम इंडिया 151 रन पर ऑल आउट हो गयी.
दक्षिण अफ्रीका में टीम इंडिया के फैसले और टीम चयन पर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ. भारत के कई पूर्व क्रिकेटरों ने इसका विरोध भी किया. विरोध दर्ज कराने वालों में सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग, लक्ष्मण आदि क्रिकेटर हैं. सभी ने विराट कोहली के फैसले और टीम चयन पर आश्चर्य जताया.
दूसरे टेस्ट के आखिरी दिन टीम इंडिया पर हार के खतरे को देखते हुए सुनील गावस्कर ने कहा, ‘आप पहले टेस्ट से इस टीम के चयन को देखिए. इस टेस्ट में भी टीम का चयन देखिए और बाकी चीज़ें जो ये टीम कर रही है. ये टीम अलग तरह से सोच रही है, जिस पर हम में से कोई भी उंगली नहीं उठा सकता. भारतीय क्रिकेट से जुड़े हम सभी लोगों को दुआ करनी चाहिए कि ये जो कर रहे हैं वो काम कर जाए. पहले टेस्ट में वो काम नहीं किया. दूसरे टेस्ट में भी अब तक वो काम नहीं किया है.’
टीम की खराब हालत देखकर गावस्कर को धौनी की याद आ गयी और उन्होंने कहा, काश धौनी ने संन्यास नहीं लिया होता. अगर धौनी चाहते तो वो खेल सकते थे. लेकिन साफ़ है कि उन पर कप्तानी का बहुत दबाव था. मेरे मुताबिक, उन्हें कप्तानी छोड़ कर बतौर विकेट कीपर बल्लेबाज़ टीम में बने रहना चाहिए था. क्योंकि ड्रेसिंग रूम में उनकी सलाह अनमोल है. शायद उन्होंने सोचा कि उनका चले जाना ही ठीक है.’
इससे पहले भी गावस्कर ने भारतीय टीम के चयन पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था, सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के सिर पर हमेशा तलवार लटकी रहती है.
भारतीय टीम में तीन बदलाव करते हुए के एल राहुल को शिखर धवन की जगह, ईशांत शर्मा को भुवनेश्वर कुमार की जगह और विकेटकीपर पार्थिव पटेल को ऋधिमान साहा की जगह शामिल किया है. गावस्कर ने कहा,‘मेरा मानना है कि शिखर धवन ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है.
उसके सिर पर हमेशा तलवार लटकी रहती है. बस एक खराब पारी के बाद उसे टीम से बाहर कर दिया जाता है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी समझ से परे है कि ईशांत को भुवनेश्वर की जगह क्यो चुना गया. ईशांत टीम में शमी या बुमराह की जगह ले सकता था लेकिन भुवनेश्वर को बाहर रखना समझ से बाहर है.’