रोते हुए इस खिलाड़ी ने क्रिकेट को कहा था अलविदा, औसत के आगे कहीं नहीं टिकते सचिन-विराट
नयी दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त विनोद कांबली आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. सचिन के साथ एक स्कूल में पढ़े और फिर एक साथ भारत के लिए क्रिकेट खेले इस दिग्गज को बहुत जल्द क्रिकेट से संन्यास ले लेना पड़ा. महज 23 साल में […]
नयी दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त विनोद कांबली आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. सचिन के साथ एक स्कूल में पढ़े और फिर एक साथ भारत के लिए क्रिकेट खेले इस दिग्गज को बहुत जल्द क्रिकेट से संन्यास ले लेना पड़ा. महज 23 साल में ही टेस्ट क्रिकेट खेलना छोड़ दिया.
कांबली का जन्म 18 जनवरी 1972 को मुंबई में हुआ. कांबली मुंबई के उसी स्कूल में पढ़े, जहां सचिन जैसे दिग्गज क्रिकेटर पढ़कर निकले. सचिन आज भारत रत्न हैं, लेकिन कांबली उम्मीदों और अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे. केवल 17 टेस्ट और 104 वनडे के बाद उनका अंतरराष्ट्रीय कैरियर खत्म हो गया.
विनोद कांबली बेहद गरीब परिवार से आते थे, उनके पिता गणपत एक मैकेनिक थे. कांबली के 7 भाई-बहन थे और सभी के लालन-पालन के लिए उनके पिता कठिन मेहनत करते थे. हालांकि कांबली के पिता भी मुंबई के क्लब क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन उसका लाभ कांबली को नहीं मिला. कांबली के पिता तेज गेंदबाज थे.
* 1996 के वर्ल्ड कप में रो गये थे कांबली
1996 का वर्ल्ड कप भला कौन भारतीय भूल सकता है. भारत अपमानजनक ढंग से टूर्नामेंट से बाहर हुआ था. कोलकाता में श्रीलंका के खिलाफ हुए सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की हार देखकर लोगों ने मैदान पर बोतलें और अन्य सामान फेंकना शुरू कर दिया था, जिसके बाद श्रीलंका को जीत दे दी गयी थी और कांबली रोते हुए मैदान से बाहर आये थे.
दर्शक जिस समय स्टेडियम में बवाल काट रहे थे उस समय कांबली बल्लेबाजी कर रहे थे. केवल कांबली ही एक मात्र बल्लेबाज रह गये थे. लेकिन दर्शकों के हंगामे के कारण मैच को वहीं रोक दिया गया और भारत हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया. मैच के बाद कांबली ने कहा, भारतीय दर्शकों ने उनके ऊपर भरोसा नहीं किया.
* 21 साल में पहला टेस्ट खेला और 23 साल में खत्म हो गया टेस्ट कैरियर
कांबली ने 21 साल में पहला टेस्ट खेला था. ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वार्न के एक ओवर में कांबली ने 22 रन ठोककर तहलका मचा दिया था, लेकिन इसके बावजुद महज 23 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी टेस्ट खेला और फिर उन्हें टीम में वापसी का मौका नहीं मिला.
* सचिन के साथ स्कूल क्रिकेट में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
कांबली ने अपने बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर घरेलू क्रिकेट में 664 रन साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. उस पारी में सचिन से अधिक योगदान कांबली का ही था. कांबली ने इस मैच में 349 रन बनाए थे और 37 रनों पर छह विकेट लिए थे.
* लगातार दो दोहरे शतक और तीन लगातार शतक
फरवरी-मार्च 1993 में कांबली ने क्रिकेट में इतिहास रचा था, जब उन्होंने दो लगातार दोहरे शतक बना डाले थे. पहले उन्होंने मुंबई के वानखेड़े में इंग्लैंड के खिलाफ 224 रन की पारी खेली और इसके बाद दिल्ली में जिंबाब्वे के खिलाफ 227 रन की पारी खेली.
इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में कांबली के तीन लगातार शतक को भी आज याद किया जाता है. कांबली ने श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो, जुलाई 1993 में 125 रन की पारी खेली थी.
* टेस्ट में कांबली के नाम सबसे तेज 1000 रन का रिकॉर्ड
कांबली ने भले ही बहुत कम समय तक क्रिकेट खेला, लेकिन इसके बावजूद उनके नाम क्रिकेट में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं जिसे आज तक किसी खिलाड़ी ने नहीं तोड़ पाया. कांबली ने महज 14 टेस्ट पारियों में 1000 रन बनाये, जिसे आज तक किसी भारतीय क्रिकेटर ने नहीं तोड़ा. कांबली से आगे केवल हर्बर्ट सटक्लफ, डॉन ब्रेडमैन और नील हर्वे रहे.
* टेस्ट में कांबली का बेहतरीन औसत
विनोद कांबली की टेस्ट में औसत सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज बल्लेबाजों से भी अच्छा रहा है. कांबली ने 17 टेस्ट की 21 पारियों में शानदार 54.20 के औसत से 1084 रन बनाये. जिसमें उनके 4 शतक, दो दोहरा शतक और 3 अर्धशतक शामिल है. टेस्ट में सबसे अधिक रन और शतक का वर्ल्ड बनाने वाले सचिन तेंदुलकर का भी औसत कांबली से कम ही रहा.