वीरेंद्र सहवाग से गुस्से में क्यों हैं बैंक कर्मचारी ?

नयी दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और सोशल मीडिया स्टार वीरेंद्र सहवाग अपने एक ट्वीट को लेकर बैंक कर्मचारियों के निशाने पर आ गये हैं. सोशल मीडिया पर वीरु को जबरदस्‍त विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बढ़ते विरोध के बाद सहवाग को एक और ट्वीट कर अपनी सफाई देनी पड़ी. हालांकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2018 6:34 PM

नयी दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और सोशल मीडिया स्टार वीरेंद्र सहवाग अपने एक ट्वीट को लेकर बैंक कर्मचारियों के निशाने पर आ गये हैं. सोशल मीडिया पर वीरु को जबरदस्‍त विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बढ़ते विरोध के बाद सहवाग को एक और ट्वीट कर अपनी सफाई देनी पड़ी. हालांकि सोशल मीडिया पर बड़ी संख्‍या में लोगों ने वीरु के ट्वीट का समर्थन भी किया है.

दरअसल भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गये दूसरे वनडे मैच के दौरान मैदानी अंपायरों और थर्ड अंपायर ने एक ऐसा फैसला लिया कि आईसीसी और अंपायरों की जमकर किरकिरी हुई. भारत जब जीत से मात्र दो रन दूर था तो अंपायर ने लंच की घोषणा कर दी. अंपायर के इस फैसले पर सभी हैरान थे, लेकिन यह आदम जमाने से चली आ रही आईसीसी का ही बनाया हुआ नियम का फेर था कि अंपायर ने भारत को 2 रन के लिए 40 मिनट का इंतजार कराया.

अंपायर के फैसले पर कई क्रिकेटरों ने भी प्रतिक्रिया दी थी. वीरेंद्र सहवाग ने भी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया. वीरु ने अपने अंदाज में लिखा, अंपायर ने भारतीय बल्लेबाजों के साथ ठीक वैसा ही किया है, जैसा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी अपने कस्टमर के साथ करते हैं. लंच के बाद आना. वीरु के इसी ट्वीट पर बैंक कर्मचारी भड़क गये और अपना गुस्‍सा जाहिर किया.

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वीरु के ट्वीट का जवाब देते हुए रिश्मी अनीश लिखीं, मैं एक बैंक कर्मचारी हूं और मैंने आज तक अपने ग्राहकों से नहीं कहा, लंच के बाद आना. इसका जवाब वीरु ने दिया, आप एक अपवाद हो सकती हैं. लेकिन लंच के अलावा भी कई बहाने हो सकते हैं, जैसे सर्वर खराब का बहाना, प्रिंटर नहीं चल रहे हैं. दुर्भाग्य से अधिकांश सरकारी विभागों में बदलाव नहीं हुआ है.

सहवाग के इस ट्वीट पर भी एक शख्‍स ने नाजगी जाहिर करते हुए लिखा, सर, इस बात का मैं बुरा मान गया, मैंने हमेशा आपके मैच देखे हैं. सरकारी बैंक में काम करता हूं और ग्राहकों से अच्छा व्यवहार भी करता हूं. वीरु ने इसका भी जवाब दिया और ट्वीट किया, बुरा ना मान भाई, तू अपवाद है. अधिकांश सरकारी बैंक, अधिकांश सरकारी विभाग, सामान्य व्यक्ति की परवाह नहीं करते हैं. उनका रवैया माई बाप की तरह है, जैसा वे काम करके एहसान कर रहे हैं.

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