नयी दिल्ली : गौतम गंभीर का पिछले दो वर्षों में दिल्ली क्रिकेट प्रबंधन से कई बार झगड़ा हुआ हो लेकिन अब वह दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान के रूप में फिर से राज्य में वापसी कर चुके हैं और इस बल्लेबाज को उम्मीद है कि ‘ खुशनुमा माहौल’ उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में अहम भूमिका निभायेगा.
गंभीर ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ( डीडीसीए) राज्य चयनकर्ताओं, अधिकारियों ओर कोच के साथ नियमित झगड़े का जिक्र करते हुए मुस्कुराते हुए गंभीर ने कहा, खुशनुमा माहौल में होना मनोरंजक होगा. पिछले दो वर्षों में मुझे यह नहीं मिला है.
गंभीर ने फ्रेंचाइजी टीम के जर्सी अनावरण के मौके पर कहा, दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा होना अच्छा है और इससे मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बाहर निकल सकता है. यह अच्छा होगा कि मैं अच्छे और खुशनुमा माहौल में खेल पाऊंगा. केकेआर जैसी फ्रेंचाइजी टीम की सफल अगुवाई करने वाले गंभीर का मानना है कि किसी को ग्लेन मैक्सवेल जैसे प्रभावशाली खिलाड़ी की बड़ी ईनामी राशि को ध्यान में नहीं रखना चाहिए.
उन्होंने कहा, खिलाड़ियों का प्रबंधन इतना मुश्किल भी नहीं है क्योंकि सिर्फ प्रदर्शन ही उन्हें अंतिम एकादश में बनाये रखेगा. और इसकी शुरुआत मुझसे होगी. अंतिम एकादश में खेलने के लिये मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है. गंभीर ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, और कभी कभार, यह खर्च की गयी राशि की बात नहीं होती, बल्कि यह‘ मैच का रूख बदलने वाले खिलाड़ियों’ की बात होती है जिन्हें थोड़ा लंबा समय दिया जाना चाहिए क्योंकि वे मैच का रूख बदल सकते हैं.
आप उनसे निरंतर होने की उम्मीद नहीं कर सकते लेकिन आप उनसे तीन या चार मैच जीतने की उम्मीद कर सकते हो. यह पूछने पर कि नयी टीम की कप्तानी करना कितना मुश्किल होता है, जिसका चयन उन्होंने नहीं किया हो तो गंभीर ने कहा, जब मैंने 2011 में केकेआर की कप्तानी संभाली थी, तब भी ऐसा ही था.
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लेकिन इस टीम में मेरी सलाह ली गयी थी. हमारे मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेमंत( दुआ) ने मुझे और रिकी को एक ही जगह रखा. मुझे इस टीम में अपार संभावनायें दिखती हैं.