विराट कोहली और एमएस धौनी ने दिया था ”ए प्लस” कैटेगरी का प्रस्ताव : विनोद राय
नयी दिल्ली : प्रशासकों की समिति (सीओए) प्रमुख विनोद राय ने कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी चाहते थे कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिये ‘ए प्लस’ ग्रेड बनाया जाए. जबकि समझा जा रहा है कि धौनी को केंद्रीय अनुबंध के एलीट वर्ग से रेलीगेट किया गया था. छब्बीस क्रिकटरों को […]
नयी दिल्ली : प्रशासकों की समिति (सीओए) प्रमुख विनोद राय ने कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी चाहते थे कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिये ‘ए प्लस’ ग्रेड बनाया जाए. जबकि समझा जा रहा है कि धौनी को केंद्रीय अनुबंध के एलीट वर्ग से रेलीगेट किया गया था. छब्बीस क्रिकटरों को केंद्रीय अनुबंध दिये गये, जिसमें कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमरा को सात करोड़ रूपये की राशि वाली ए प्लस कैटेगरी में शामिल कया गया.
धौनी ए ग्रेड में हैं जिसमें सालाना पांच करोड़ रूपये मिलते हैं. राय ने साक्षात्कार में कहा, ‘ए प्लस वर्ग का प्रस्ताव खिलाड़ियों ने ही दिया था. हमने धौनी और विराट से इस कैटेगरी के बारे में चर्चा की थी. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि उत्कृष्ट स्तर की कैटेगरी होनी चाहिए जिसमें जो खिलाड़ी खेल के सभी तीनों प्रारूपों में खेलते हों, उन्हें शामिल किया जाये.’
प्रशासकों की समिति के प्रमुख ने कहा कि धौनी और कोहली दोनों ही ए प्लस के रूप में विशेष कैटेगरी चाहते थे जिससे पता चले कि भारतीय टीम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कौन से खिलाड़ी हैं. उन्होंने कहा, ‘इस ए प्लस वर्ग में खिलाड़ी अंदर या बाहर हो सकते हैं. साथ ही इससे दिखेगा कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को प्रदर्शन के हिसाब से रखा जा रहा है.’
राय को कोहली और धौनी के बीच तालमेल देखकर काफी खुशी हुई. उन्होंने कहा, ‘उनके बीच तालमेल अद्भुत है, दोनों एक दूसरे का इतना सम्मान करते हैं. धौनी की क्रिकेटिया ज्ञान का विराट सम्मान करते हैं तो खिलाड़ी के तौर पर विराट की उपलब्धियों का धौनी सम्मान करते हैं.’ बल्कि विराट ने सीओए को कहा कि सीमित ओवरों के क्रिकट में अभी कोई भी धौनी की जगह नहीं ले सकता.
राय ने कहा, ‘विराट को लगता है कि मौजूद समय में महेंद्र सिंह धौनी से तेज कोई विकेटकीपर नहीं है. साथ ही धौनी का इतने वर्षों का क्रिकेट अनुभव विराट के लिये अहम है. जहां तक यह बात है कि उनमें कितने वर्षों का क्रिकेट बचा है तो यह तो समय और उनका प्रदर्शन ही बतायेगा.’