जोधपुर : क्रिकेटर हार्दिक पांड्या ने इस बात को खारिज कर दिया कि उन्होंने ट्विटर पर किसी प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि यह ट्वीट फर्जी अकाउंट से किया गया है और इसमें उनके नाम और तस्वीर का गलत इस्तेमाल किया गया है. एक अदालती आदेश के बाद अपने स्पष्टीकरण में पांड्या ने कहा कि उनके मन में अंबेडकर के प्रति अत्यंत आदर और सम्मान है.
उन्होंने बयान जारी कर कहा, ‘मैं किसी प्रकार की ऐसी बयानबाजी में शामिल नहीं होऊंगा जो अपमानजनक हो और किसी समुदाय का भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली हो.’ संविधान निर्माता बी आर अंबेदकर के बारे में नकारात्मक टिप्पणियों के लिए अदालत में उनके खिलाफ याचिका दायर की गयी थी.
उन्होंने कहा है कि यह टिप्पणी फर्जी खाते से की गयी है जिसमें उनके नाम और तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है.
क्या है मामला
डीआर मेघवाल नामक शख्स ने स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि हार्दिक पांड्या ने 26 दिसंबर 2017 को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बाबा साहेब का अपमान किया था और दलित समुदाय के लोगों का भी अपमान किया था. इस याचिका पर स्पेशल एससी-एसटी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह हार्दिक पांड्या के खिलाफ बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर का अपमान करने के मामले में एफआईआर दर्ज करे.
राजस्थान जालौर के रहने वाले राष्ट्रीय भीमसेना के सदस्य मेघवाल ने पांड्या के खिलाफ मंगलवार 20 मार्च को शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें उन्होंने कहा है कि इस प्रसिद्ध क्रिकेटर ने ना सिर्फ संविधान निर्माता का अपमान किया, बल्कि इस समुदाय से जुड़े लोगों की भावनाओं को भी आहत किया है.