क्रिस श्रीकांत
पिछले करीब एक दशक से सुरेश रैना की फॉर्म चेन्नई सुपरकिंग्स की सफलता में बेहद अहम रही है. जब रैना लय में होते हैं तो चेन्नई की टीम अलग ही नजर आती है. टीम इंडिया के लिए टी-20 प्रारूप में रैना की वापसी को लेकर मैंने कुछ बातों पर ध्यान दिया है. इसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि उन्हें अपने शॉट खुलकर खेलने से पहले क्रीज पर कुछ वक्त बिताने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि पिच का मिजाज भांपने के बाद आक्रामक रुख अख्तियार कर सकें. रैना क्रीज पर उतरते ही बहुत जल्दी आक्रामक शॉट खेलना शुरू कर देते हैं. हमने पिछले कुछ टी-20 मुकाबलों में ऐसा देखा और अब आइपीएल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ भी हमें ऐसा ही देखने को मिला. अगर वह पहले क्रीज पर कुछ समय बिता लें तो फिर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं.
एमएस धौनी और उनकी टीम एक बार फिर चेपक पर उतरेगी. सामने होगी कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम. धौनी हमेशा ही अपने स्पिनरों के लिए एक कुशल रणनीतिकार रहे हैं, खासकर ऐसी पिच पर जहां फिरकी गेंदबाजों को मदद मिलती है. जिस तरह वह पावरप्ले में वह स्पिनरों का इस्तेमाल करते हैं, वह देखना बेहद सुखद है. ऐसे में चेपक को लेकर उनका ज्ञान और समझ निश्चित रूप से चेन्नई के लिए फायदेमंद होगा. आइपीएल के शुरुआती कुछ मैचों में हमें कई बेहतरीन पारियां देखने को मिली. ब्रावो, राहुल और सुनील नरेन की पारियां ऐसा ही विश्व स्तरीय प्रदर्शन था. ये सभी पारियां मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए सामने आईं. इन सभी में किसी एक का चयन करना पड़े तो मैं मुंबई इंडियंस के खिलाफ ब्रावो का प्रदर्शन चुनूंगा. यह मेरी जिंदगी में मेरे द्वारा देखी गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी.
ऐसा लग रहा था जैसे दूसरे छोर पर हर विकेट गिरने के साथ ब्रावो का आत्मविश्वास और बढ़ता जा रहा था. उनका आत्मविश्वास ही उनकी महानता है. मिचेल मैक्लेनाघन और जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों के खिलाफ इतने दबाव में मनचाहे अंदाज में चौके-छक्के मारना बिल्कुल भी आसान नहीं है. ब्रावो का मुश्किल हालात में इतना शांत रहना मुझे बहुत अच्छा लगा. खेल के प्रति उनका रवैया और टीम के लिए उनका समर्पण देखना बेहतरीन था. डेथ ओवरों में जबरदस्त गेंदबाजी और पहले ही मुकाबले में बल्ले से छाप छोड़ने वाले ब्रावो ने चेन्नई की टीम में मानो जान फूंक दी है.
(टीसीएम)