इंग्लैंड की कमजोर बल्लेबाजी से टेस्ट शृंखला में भारत का पलड़ा भारी : चैपल
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल को लगता है कि इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट शृंखला में भारत के पास जीत दर्ज करने का सर्वश्रेष्ठ मौका होगा क्योंकि घरेलू टीम कई मोर्चों पर अच्छा नहीं कर रही. चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो वेबसाइट पर अपने कॉलम में लिखा , भारत के […]
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल को लगता है कि इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट शृंखला में भारत के पास जीत दर्ज करने का सर्वश्रेष्ठ मौका होगा क्योंकि घरेलू टीम कई मोर्चों पर अच्छा नहीं कर रही.
चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो वेबसाइट पर अपने कॉलम में लिखा , भारत के पास इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में उनकी सरजमीं पर हराने का दुर्लभ मौका है. लार्ड्स के मैदान पर पाकिस्तान से हार के बाद इंग्लैंड की टीम को झटका लगा है.
इसके बाद इंग्लैंड ने पाकिस्तान को हेडिंग्ले में हराया तो लेकिन वह प्रभाव छोड़ने में कामयाब नहीं रही. चैपल ने इंग्लैंड की टीम में कई खामियां गिनाई जिसमें एलिस्टर कुक के प्रदर्शन के साथ सलामी बल्लेबाजी के लिए उनके जोड़ीदार का बार बार बदलना और तेज गेंदबाजी विभाग में सिर्फ दाएं हाथ के गेंदबाजों का होना शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि आफ स्पिनर डोम बेस अनुभवहीन है. चैपल ने लिखा , इंग्लैड का शीर्ष कर्म बार बार चरमरा रहा है , दोनों सलामी बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन से यह आश्चर्यजनक नहीं है. कुक के साथ पारी की शुरुआत के लिए कई बल्लेबाजों को आजमाया गया। कुक का प्रदर्शन भी लचर रहा है.
उन्होंने कहा , कुक ने दो दोहरे शतक जरूर लगये लेकिन इससे इस तथ्य में कोई बदलाव नहीं आएगा कि उन्होंने पिछले एक साल में 29 टेस्ट पारियों में 19 बार 20 रन से कम की पारी खेली है जिसमें वह दस बार दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचे. अगर सलामी बल्लेबाज लगातार अंतराल पर शतक नहीं लगाता है तो भी उसे यह सुनिश्चित करना होता है कि मध्यक्रम को नयी गेंद का सामना नहीं करना पड़े और कुक इन दोनों मोर्चों पर विफल रहे हैं.
स्पिनरों के बारे में बात करते हुए चैपल ने कहा , स्मिथ (चयनकर्ता एड स्मिथ) के चयन में उल्लेखनीय बात ऑफ स्पिनर डॉम बेस का चयन है जो ऊर्जावान क्रिकेटर है. उन्होंने कहा , उनकी बल्लेबाजी और खेल में बने रहने की जीवटता की तारीफ की जानी चाहिए लेकिन पहली नजर में लगता है कि उनकी ऑफ स्पिन से भारतीय टीम को कोई खास परेशानी नहीं होगी.
हेडिंग्ले में एक ओवर में उन्होंने इतनी फुलटास गेंद फेंकी जितनी रविचंद्रन अश्विन पूरे साल में भी नहीं फेंकते हैं. ऐसी गेंदबाजी का विराट कोहली और मुरली कार्तिक लुत्फ उठाऐंगे. उन्होने कहा कि एंडरसन जैसे गेंदबाज होने के बाद भी तेज गेंदबाजी में विविधता की कमी का भी अगस्त में होने वाली टेस्ट शृंखला में इंग्लैंड के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा.
उन्होंने कहा , सलामी बल्लेबाजी के अलावा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे पर तेज गेदबाजी इंग्लैड की सबसे बड़ी समस्याओं में से थी जिसमें दाएं हाथ के सभी गेंदबाज लगभग एक सी गति से गेंदबाजी करते हैं.