नयी दिल्ली : न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन के 17 महीने के कार्यकाल में नजरअंदाज किए गए शीर्ष क्रिकेटर गौतम गंभीर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में ‘ सरकार से नामित व्यक्ति ‘ के रूप में वापसी करेंगे.
डीडीसीए के नव निर्वाचित सचिव विनोद तिहाड़ा ने यह जानकारी दी. गंभीर को पिछले साल ही सरकार द्वारा नामित व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन न्यायमूर्ति सेन ने तब साफ कर दिया था कि जब तब वह क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में सक्रिय हैं , उन्हें मंजूरी नहीं दी जाएगी.
हालांकि रजत शर्मा पैनल के डीडीसीए चुनाव में सभी सीटें जीतने के बाद सचिव तिहाड़ा ने साफ कर दिया कि उनकी गंभीर को लेकर बड़ी योजनाएं हैं. उन्होंने कहा , ‘निर्वाचित सदस्य प्रशासनिक पक्ष पर ध्यान देंगे लेकिन क्रिकेट संबंधी फैसले क्रिकेट खिलाड़ी (गंभीर) लेंगे. गंभीर दिल्ली क्रिकेट में सबसे बड़े नामों में से एक हैं. यह स्वाभाविक है कि वह एक अहम भूमिका निभाएंगे. आप इसे आधिकारिक समझ सकते हैं , गौतम क्रिकेट से जुड़े सारे नीतिगत फैसले लेंगे.
सचिव ने कहा , हम के पी भास्कर से जुड़ी घटना कैसे भूल सकते हैं , उन्हें अनुशासनात्मक सुनवाई के लिए तलब किया गया था और बाहर बिठाया गया एवं उनके साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया गया. आप किसी नामी क्रिकेटर के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते.
तिहाड़ा ने साफ कर दिया कि गंभीर के फैसले का पूरा सम्मान किया जाएगा और क्रिकेट मामलों की समिति (सीएसी) के सदस्यों को लेकर फैसला वहीं लेंगे. इस समय पूर्व क्रिकेटर मदन लाल सीएसी के प्रमुख हैं लेकिन उनके पद पर बने रहने की संभावना नहीं है. मदन लाल डीडीसीए के अध्यक्ष पद का चुनाव वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा से हार गए.