नयी दिल्ली : सोलह बरस पहले युवराज सिंह के साथ लॉड्र्स पर भारत को सबसे यादगार वनडे जीत दिलाने वाले भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने आज क्रिकेट के तमाम प्रारूपों से संन्यास ले लिया. भारत के लिए आखिरी मैच खेलने के करीब 12 साल बाद 37 बरस के कैफ ने अपने ट्विटर पेज पर जज्बाती संदेश लिखकर यह ऐलान किया. उन्होंने लिखा ,‘ 13 जुलाई को यह घोषणा करने का कारण है. हम सभी के पेशेवर जीवन में ऐसा पल आता है जो हमारी पहचान बन जाता है. सोलह बरस पहले 13 जुलाई 2002 को लॉड्र्स पर हमने वह पल जिया . इसी दिन खेल को अलविदा कहना सही लगा. ‘
An apt day to make this announcement pic.twitter.com/F97vuKaoKA
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) July 13, 2018
When I started playing Cricket,the dream was to play in the India Cap one day.Have been very fortunate to step on to the field & represent my country on 190 days of my life. Today is an apt day for me to announce my retirement from all competetive Cricket. Thank you everyone 🙏🏼 pic.twitter.com/HzKZDWgXBo
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) July 13, 2018
सैंतीस बरस के कैफ ने 13 टेस्ट, 125 वनडे खेले थे और उन्हें लॉड्र्स पर 2002 में नेटवेस्ट ट्राफी फाइनल में 87 रन की मैच जिताने वाली पारी के लिए जाना जाता है. ग्यारह बरस की उम्र में कानपुर के ग्रीनपार्क होस्टल से अपने कैरियर का आगाज करने वाले कैफ विश्व कप 2003 में फाइनल खेलने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे. युवराज सिंह के साथ वह अंडर 19 क्रिकेट से चमके थे. उन्होंने लिखा ,‘ 13 जुलाई 2002 सबसे अलग था . वीरू, सचिन पाजी, दादा और राहुल पवेलियन लौट चुके थे और 326 रन असंभव लग रहे थे .’ कैफ ने आगे लिखा ,‘ मेरे अपने परिवार ने मैच छोड़कर मूवी लगा दी और बाकी का मैच देखा ही नहीं . मुझे और युवराज को किसी ने नहीं कहा था कि हम हारने वाले हैं और हम जीतने के लिए ही खेले.’ उन्होंने कहा,‘ लॉड्र्स पर वह जीत बहुत खास थी और उसका हिस्सा बनना यादगार रहा.’
उन्होंने आगे लिखा ,‘ क्या मुझे कोई खेद है. हां, अगर ऐसा नहीं होगा तो मतलब मैं इंसान नहीं हूं . काश मैं भारत के लिए लंबे समय तक खेल पाता . काश ऐसी व्यवस्था होती जिसमें 25 बरस के अंतर्मुखी लड़के से कोई पूछता कि वेस्टइंडीज श्रृंखला में नाबाद 148 रन बनाने के बावजूद वह फिर कोई टेस्ट क्यों नहीं खेला .’ उन्होंने लिखा ,‘ मलाल याद नहीं रहते क्योंकि भारत के लिए खेलने की यादें इतनी सुनहरी है कि जिंदगी उनके नूर से रोशन रहती है.’ उत्तर प्रदेश के लिए रणजी ट्राफी जीतने वाले कैफ ने आखिरी प्रथम श्रेणी मैच छत्तीसगढ के लिए खेला था. सौरव गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम जब भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सुनहरे पन्ने लिख रही थी तो युवराज के साथ कैफ उसका अभिन्न अंग थे . कैफ ने 13 टेस्ट में 32 की औसत से 2753 रन बनाये. वहीं 125 वनडे में उनका औसत 32 रहा . कैफ हिंदी क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में कैरियर की दूसरी पारी शुरू कर चुके हैं .