मुंबई : वीरेंद्र सहवाग के शतक ने किंग्स इलेवन पंजाब को आईपीएल फाइनल में पहुंचा दिया और इस सलामी बल्लेबाज ने कोच संजय बांगड की तुलना पूर्व भारतीय कोच गैरी कर्स्टन से की, जिनके मार्गदर्शन में टीम ने 2011 विश्व कप खिताब अपने नाम किया था. सहवाग ने मैच के बाद कल यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हमारी टीम के कोच संजय बांगड ने शानदार काम किया है.
उसने सभी को प्रेरित किया. आप संजय बांगड की तुलना गैरी कस्र्टन से कर सकते हो, दोनों बहुत अच्छे हैं. बांगड उतने ही शांत हैं जितने कर्स्टन.’’ इस 35 वर्षीय सलामी बल्लेबाज ने बीती रात 58 गेंद में 122 रन की शतकीय पारी खेली जिससे किंग्स इलेवन पंजाब ने चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 226 रन का विशाल लक्ष्य खडा किया.
सहवाग ने कहा कि लंबे समय से उन्हें एक बडी पारी का इंतजार था. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी एक लंबी पारी बाकी थी लेकिन यह कब आयेगी, मैं नहीं जानता था. यह अगर प्लेआफ के समय में आयी है तो अच्छा है. आप जानते हो कि अगर आप अच्छा नहीं खेलोगे तो आप टूर्नामेंट से बाहर हो जाओगे. मेरा प्रयास था कि मैं अच्छा खेलूं और बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी टीम को जीतने में मदद करुं.’’
सहवाग ने कहा, ‘‘बडी पारी काफी लंबे समय के बाद आयी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं टीम से बाहर था तो हर कोई मुझसे उम्मीद कर रहा था, हर कोई उम्मीद लगाये था कि मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शतक और दोहरा शतक जमाउंगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’’ सहवाग ने कहा, ‘‘जब आपका समय ठीक नहीं चल रहा होता तो आप कुछ नहीं कर सकते.मैं सबकुछ चीज सही कर रहा था लेकिन रन नहीं जुटा रहा था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज शायद मेरा दिन था और मैंने खुद से कहा कि चेन्नई को मेरी पारी का खामियाजा भुगतना चाहिए.’’ दिल्ली के इस खिलाडी ने कहा कि वह अपनी तकनीक पर काम करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘तकनीक इतनी अच्छी नहीं है इसलिये मुङो इसे सही करना होगा. मुझे खुद का समर्थन करना होगा और खुद पर भरोसा रखना होगा तथा क्रीज पर शत प्रतिशत प्रदर्शन करना होगा. अगर मैं चल गया तो दूसरी टीम को भुगतना होगा और मैं नहीं चला तो हमारी टीम को भुगतना होगा. ’’