बर्मिंघम : रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय बल्लेबाजों का बचाव करते हुए शनिवार को यहां कहा कि एजबेस्टन की पिच चुनौतीपूर्ण थी और इस पर दोनों टीमों के के बल्लेबाजों को संघर्ष करना पड़ा. पहले टेस्ट मैच में 31 रन की हार के बावजूद अश्विन ने कहा कि टीम के अपने प्रदर्शन से हौसले बुलंद हैं और पांच मैचों की शृंखला के लिये इस मैच में उसके लिये कई सकारात्मक पहलू रहे.
अश्विन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, जब आप रन बनाते हो और विकेट लेते हो तो आप यह सुनिश्चित करना चाहते हो कि यह विरोधी टीम के लिये नुकसान पहुंचाने वाला हो और आप जीतना चाहते हो. इससे आपको मैच से अधिक खुशी मिलती है और जब ऐसा नहीं होता है तो आप इसको लेकर थोड़ा निराश रहते हो.
यह मैच उतार चढ़ाव वाला रहा और तेज गेंदबाजों के लिये परिस्थितियां काफी अच्छी थी. उन्होंने कहा, इसलिए वे मैच में बने हुए थे और बल्लेबाज को ऐसी गेंद मिलती है जिस पर वह आउट हो सकता हो. मुझे लगता है कि हमने पूरे मैच में अच्छा मुकाबला किया. कई चीजें रही जिन पर हम गर्व कर सकते हैं इसलिए मैं पूरी तरह से निराश नहीं हूं.
इसे भी पढ़ें…
INDvsENG : कोहली का प्रयास बेकार गया, भारत ने गंवाया पहला टेस्ट
भारत के सामने 194 रन का लक्ष्य था लेकिन पूरी टीम 162 रन पर सिमट गयी। विराट कोहली ने 51 रन बनाये लेकिन उन्हें दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिला. अश्विन ने कहा, यह बल्लेबाजी के लिये मुश्किल पिच थी. अगर पहली पारी में जो रूट और जॉनी बेयरस्टॉ की भागीदारी छोड़ दी जाए और फिर हमारी तरफ से विराट कोहली की पारियों को तो मुझे नहीं लगता कि दोनों टीमों के बल्लेबाज अधिक स्वतंत्रता के साथ रन बनाने में सक्षम रहे. इसमें संघर्ष करना पड़ रहा था और इसलिए मुझे लगता है कि हमें बल्लेबाजों को पूरी तरह से हार का जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है.
उन्होंने कहा, इस मैच में हम जीतना चाहते थे और इसमें संदेह नहीं. लेकिन कई ऐसी चीजें रही जिन पर हम गर्व महसूस कर सकते हैं. यह टेस्ट शृंखला लंबी है इसलिए शृंखला के शुरू में आहत या दुखी महसूस करना अनुचित होगा.