21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गांगुली की सलाह, दूसरा टेस्‍ट जीतना है तो Playing XI में कोई बदलाव न करें कोहली

बर्मिंघम : पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय बल्लेबाजों मुरली विजय और अजिंक्य रहाणे को अधिक प्रतिबद्धता के साथ बल्लेबाजी करने का आग्रह किया और कप्तान विराट कोहली को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार के बाद अंतिम एकादश में बदलाव नहीं करने की सलाह दी. भारत शृंखला के पहले मैच में 31 […]

बर्मिंघम : पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय बल्लेबाजों मुरली विजय और अजिंक्य रहाणे को अधिक प्रतिबद्धता के साथ बल्लेबाजी करने का आग्रह किया और कप्तान विराट कोहली को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार के बाद अंतिम एकादश में बदलाव नहीं करने की सलाह दी.

भारत शृंखला के पहले मैच में 31 रन से हार गया था तथा कोहली को छोड़कर कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के आक्रमण के आगे नहीं टिक पाया. सलामी बल्लेबाज विजय ने 20 और छह जबकि मध्यक्रम के बल्लेबाज रहाणे ने 15 और दो रन बनाये.

इस तरह से इन दोनों ने केवल 43 रन का योगदान दिया. गांगुली ने इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट में लिखा, अगर आपको टेस्ट मैच जीतना है तो फिर प्रत्येक को रन बनाने होंगे. उन्होंने कहा, यह पांच मैचों की शृंखला का पहला टेस्ट है और मेरा मानना है कि टीम में वापसी करने और अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है. अजिंक्य रहाणे और मुरली विजय को अधिक प्रतिबद्धता दिखानी होगी क्योंकि वे पहले भी ऐसी परिस्थितियों में रन बना चुके हैं.

गांगुली ने कहा, मुझे नहीं लगता कि हार के लिये कप्तान जिम्मेदार है. अगर आप कप्तान हो तो हार के लिये आपकी आलोचना होगी जैसे की जीत पर बधाई आपको मिलती है. उन्होंने कहा, कोहली की आलोचना इसलिए भी होती रही है कि क्या उन्हें अपने बल्लेबाजों को बाहर करने से पहले पर्याप्त मौके देने चाहिए.

इंग्लैंड की परिस्थितियों में स्विंग के सामने नाकामी अब बहाना नहीं हो सकता है क्योंकि हर कोई जानता है कि इंग्लैंड में उन्हें कैसी परिस्थितियों का सामना करना होगा. गांगुली ने कहा, यह सच है लेकिन लगातार अंतिम एकादश से छेड़छाड़ और बदलाव करने से खिलाड़ियों के दिमाग में भय समा सकता है कि इतने वर्षों के बाद भी वे टीम प्रबंधन का भरोसा जीतने में नाकाम रहे.

गांगुली ने इसके साथ ही कहा कि खिलाड़ियों के लिये सभी प्रारूपों में खेलना महत्वपूर्ण है. इस संदर्भ में उन्होंने पिछली भारतीय टीमों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, पूर्व की दिग्गज टीमों चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो, दक्षिण अफ्रीका या हमारी टीम, के साथ अच्छी बात यह थी खिलाड़ी दोनों प्रारूपों में खेलते थे. इनमें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और मैं शामिल थे.

गांगुली ने कहा, इसलिए जब आप एक या दो मैचों में असफल रहते थे तो आपके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी का मौका रहता था. प्रथम श्रेणी मैचों में 150 रन बनाने से आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की भरपायी नहीं कर सकते. इस टीम में विराट को छोड़कर कोई भी अन्य बल्लेबाज सभी प्रारूपों में नहीं खेलता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें