मुंबई : पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान और पूर्व चीफ सिलेक्टर अजीत वाडेकर अब हमारे बीच नहीं हैं. 77 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया. वाडेकर लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वाडेकर की मौत से देश विदेश के साथ साथ पूरा क्रिकेट जगत मर्माहत है. हर ओर शोक की लहर है.
उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर शोक जताया है. पीएम मोदी ने कहा कि क्रिकेट में अपूर्व योगदान के लिए वाडेकर को हमेशा याद किया जाएगा.
वाडेकर की अगुवाई में ही भारत ने 1971 में इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज को टेस्ट मैच में शिकस्त दी थी. यह इंग्लैंड की जर्मी पर भारत की पहली टेस्ट जीत थी.
1 अप्रैल 1941 को जन्में अजीत वाडेकर ने 1966 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में 71 पारियां खेली, और 2 हजार 1सौ 13 रन बनाए. अपने टेस्ट करियर में उन्होंने 1 शतक और 14 अर्धशतक जड़े.
- वाडेकर ने 1966 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ मुंबई में अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था
- 37 टेस्ट में उन्होंने 2113 रन बनाए, जिसमें 14 हाफ सेंचुरी और 1 शतक शामिल था
- वाडेकर ने भारत के लिए 2 वनडे मैच भी खेल। इनमें 1 फिफ्टी समेत उन्होंने कुल 72 रन बनाए
अपने दौर के उम्दा खिलाड़ी रहे वाडेकर 3 नंबर पर खेलने वाले भरोसेमंद बल्लेबाज रहे हैं. उन्होंन ही पहली बार विदेशी धरती पर टेस्ट सीरीज में भारत को पहली जीत दिलाई थी. वह भारतीय एकदिवसीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान भी थे. 1990 दशक की मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी के दौर में वाडेकर भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे थे. इसके अलावा वो चयन समिति के अध्यक्ष भी रहे.
घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन
घरेलू क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. 1966-67 के रणजी ट्रॉफी मैच में उन्होंने 323 का सर्वश्रेष्ठ स्कोर मैसूर के खिलाफ बनाया था. वाडेकर ने कुल 18 दलीप ट्रॉफी मैच खेले जिनमें छह में वह वेस्ट जोन के कप्तान रहे. उन्होंने छह बार बुंबई टीम की कप्तानी भी की थी. 1967 के इंग्लैंड दौरे के दौरान वाडेकर ने काउंटी मैचों में 835 रन बनाए थे.
देश का यह महान बल्लेबाज और खिलाड़ी आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन क्रिकेट उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा.