रिकार्ड सुधारने उतरेंगे भारतीय
नयी दिल्ली: बीसीसीआई में चल रही उठापटक के बीच भारतीय खिलाड़ी जब छह जून से इंग्लैंड में शुरु होने वाली आईसीसी चैंपियन्स ट्राफी में खेलने के लिये उतरेंगे तो वह न सिर्फ टीम बल्कि खुद का रिकार्ड सुधारने की भी कोशिश करेंगे. भारत ने अब तक अकेले चैंपियन्स ट्राफी नहीं जीती है. वह 2002 में […]
नयी दिल्ली: बीसीसीआई में चल रही उठापटक के बीच भारतीय खिलाड़ी जब छह जून से इंग्लैंड में शुरु होने वाली आईसीसी चैंपियन्स ट्राफी में खेलने के लिये उतरेंगे तो वह न सिर्फ टीम बल्कि खुद का रिकार्ड सुधारने की भी कोशिश करेंगे. भारत ने अब तक अकेले चैंपियन्स ट्राफी नहीं जीती है. वह 2002 में श्रीलंका के साथ संयुक्त चैंपियन बना था जब बारिश के कारण फाइनल नहीं हो पाया था.
आखिरी बार हो रहे इस टूर्नामेंट में भारत ने अब तक 19 मैच खेले हैं जिनमें से दस में उसे जीत मिली, छह में हार और तीन का परिणाम नहीं निकला. भारतीय खिलाड़ी भी खुद के रिकार्ड में सुधार करने की कोशिश करेंगे. भारत ने चैंपियन्स ट्राफी के लिये जो 15 सदस्यीय टीम चुनी है उसमें सात खिलाड़ी ऐसे हैं जो इससे पहले भी इस टूर्नामेंट में खेल चुके हैं लेकिन उनका रिकार्ड इसमें अच्छा नहीं रहा है.
कप्तान धोनी इससे पहले दो बार 2006 और 2009 में चैंपियन्स ट्राफी में खेल चुके हैं. उन्होंने इसके छह मैचों में 22 . 25 की औसत से केवल 89 रन बनाये हैं जिसमें 51 रन की एक पारी भी शामिल है. धोनी ने हालांकि चैंपियन्स ट्राफी में अपने करियर का एकमात्र विकेट हासिल किया है.भारत और वेस्टइंडीज के बीच 30 सितंबर 2009 को जोहानिसबर्ग में खेले गये मैच में जब तय हो गया कि भारतीय टीम फाइनल की दौड़ से बाहर हो गयी है तो धोनी ने 15वें ओवर के बाद गेंद थामी थी. यह उनके करियर का पहला ओवर था जिसमें उन्होंने ट्रेविस डाउलिन को बोल्ड किया था. असल में डाउलिन उनकी फुललेंथ गेंद को विकेटों पर खेल गये थे.
धोनी ने उस मैच में दो ओवर किये थे. भारतीय कप्तान ने अपने 219 एकदिवसीय मैचों में इसके अलावा कभी गेंदबाजी नहीं की. उनके स्थान पर तब दिनेश कार्तिक ने विकेटकीपिंग की थी जो वर्तमान टीम का हिस्सा हैं और उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ पहले अभ्यास मैच में शतक जड़कर अपनी फार्म का सबूत भी पेश कर दिया है.कार्तिक ने 2004 और फिर 2009 के टूर्नामेंट में एक एक मैच खेला जिसमें उन्होंने केवल 34 रन बनाये हैं जिसमें वह सुधार करने की कोशिश करेंगे.
अभ्यास मैच में शतक जड़ने वाले दूसरे बल्लेबाज विराट कोहली को भी 2009 के टूर्नामेंट खेलने का मौका मिला था. उन्होंने तीन मैच में 95 रन बनाये थे जिसमें वेस्टइंडीज के खिलाफ 79 रन की नाबाद पारी भी शामिल है. भारतीय मध्यक्रम के एक अन्य महत्वपूर्ण सदस्य सुरेश रैना ने 2006 और 2009 में चैंपियन्स ट्राफी में कुल छह मैच खेले लेकिन इनकी चार पारियों में वह 19 . 50 की औसत से 78 रन ही बना पाये.
इरफान पठान टीम में शामिल पांचवें ऐसे खिलाड़ी हैं जो इससे पहले आईसीसी के इस टूर्नामेंट में खेल चुके हैं. इस आलराउंडर ने 2004 और फिर 2006 की चैंपियन्स ट्राफी में भाग लिया था. वह बल्लेबाजी में कमाल नहीं दिखा पाये थे और चार पारियों में केवल 35 रन ही बना सके थे.पठान ने गेंदबाजी में हालांकि कुछ अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने 15 . 66 रन देकर नौ विकेट लिये हैं. इस आलराउंडर ने 2004 में दो मैच में पांच और 2006 में दो मैच में चार विकेट लिये थे.
इशांत शर्मा और अमित मिश्र भी 2009 की चैंपियन्स ट्राफी की भारतीय टीम में शामिल थे और दोनों ने दो दो मैच खेले थे जिनमें वह प्रभावित नहीं कर पाये. इशांत ने पाकिस्तान के खिलाफ आठ ओवर में 39 रन देकर दो विकेट लिये जबकि आस्ट्रेलिया के खिलाफ 7.3 ओवर में 53 रन के एवज में एक विकेट लिया था. इस तरह से उनके नाम पर 30 . 66 की औसत से तीन विकेट दर्ज हैं.
मिश्र ने 15 ओवर में 72 रन देकर दो विकेट लिये हैं. उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच में नौ ओवर में 45 रन देकर एक विकेट और वेस्टइंडीज के खिलाफ छह ओवर में 27 रन देकर एक विकेट लिया था.भारतीय टीम के अन्य खिलाड़ी शिखर धवन, रविचंद्रन अश्विन, रविंदर जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, रोहित शर्मा, मुरली विजय, विनयकुमार और उमेश यादव पहली बार चैंपियन्स ट्राफी में खेलेंगे.
भारत को इस टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के साथ ग्रुप बी में रखा गया है. भारत छह जून को दक्षिण अफ्रीका, 11 जून को वेस्टइंडीज और 15 जून को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगा.