साउथम्पटन : भारतीय बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ का मानना है कि हार्दिक पांड्या और रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में अपने विकेट इनाम में दिये और भारत ने मध्यक्रम की नाकामी के कारण अपनी पकड़ खो दी. बांगड़ ने कहा कि अगर पांड्या और अश्विन ने थोड़ा बेहतर प्रयास किये होते तो भारत इस समय बेहतर स्थिति में होता.
इंग्लैंड के 246 रन के जवाब में भारत ने अपनी पहली पारी में 273 रन बनाये जिसमें चेतेश्वर पुजारा के नाबाद 132 रन शामिल है. दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद बांगड़ ने कहा, ‘‘दो बल्लेबाजों ने वास्तव में अपने विकेट आसानी से गंवाये. हार्दिक ने जब गेंद को ड्राइव किया तब वह उसकी लाइन में नहीं थे और अश्विन ने अपनी पारी के काफी शुरू में ही रिवर्स स्वीप करने का प्रयास किया. क्रीज पर पांव जमाने के बाद पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करते हुए ही इस तरह का शाट खेला जा सकता है.’
अश्विन केवल एक रन बना पाये जबकि पांड्या ने चार रन बनाये. बांगड़ ने कहा, ‘‘तब पुजारा एक छोर से अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे तो दूसरे छोर से बल्लेबाज परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी कर सकते थे. पेशेवर क्रिकेटर होने के कारण हम हर तरह की गेंदबाजी का सामना करने का अभ्यास करते हैं। हमारी किक्रेट केवल तेज गेंदबाजी का सामना करने तक ही सीमित नहीं है, हमने स्पिन आक्रमण का सामना करने के लिये अभ्यास किया और उस पर चर्चा की थी.’
मोईन अली ने पांच विकेट लेकर भारतीय मध्यक्रम लड़खड़ाया. भारत का स्कोर एक समय दो विकेट पर 142 रन था और वह पहली पारी में बड़ी बढ़त हासिल करने की तरफ बढ़ रहा था लेकिन सैम कुरेन ने विराट कोहली का महत्वपूर्ण विकेट लिया जिसके बाद भारतीय पारी का पतन शुरू हो गया. पुजारा ने हालांकि एक छोर संभाले रखा और नाबाद 132 रन की बेजोड़ पारी खेली. बांगड़ ने कहा, ‘उन्होंने अपने जज्बे, सोच और अनुशासन का शानदार नमूना पेश किया.
आफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों का सही आकलन और शाट के चयन में उन्होंने अनुशासन दिखाया. हमने इस पारी में सतर्कता और आक्रामकता का अच्छा मिश्रण देखा.’ बांगड़ ने कहा, ‘इस पारी में बल्लेबाजी का एक और पहलू देखने को मिला. उन्होंने हमें दिखाया कि पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ खेलते हुए किस तरह की बल्लेबाजी करनी चाहिए। कुल मिलाकर उनकी तरफ से यह संतोषजनक प्रयास रहा.’