कोहली की कप्‍तानी पर ”लिटिल मास्‍टर” का बाउंसर, कहा, विराट को नहीं आता…

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को लगता है कि विराट कोहली को इंग्लैंड के खिलाफ हाल में पांच टेस्ट मैचों की शृंखला में मिली 1-4 की निराशाजनक हार के बाद तकनीकी पहलुओं के बारे में ‘काफी कुछ सीखने’ की जरूरत है. गावस्कर ने एक चैनल से कहा, उसे (विराट) को अभी काफी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2018 6:09 PM

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को लगता है कि विराट कोहली को इंग्लैंड के खिलाफ हाल में पांच टेस्ट मैचों की शृंखला में मिली 1-4 की निराशाजनक हार के बाद तकनीकी पहलुओं के बारे में ‘काफी कुछ सीखने’ की जरूरत है.

गावस्कर ने एक चैनल से कहा, उसे (विराट) को अभी काफी कुछ सीखने की जरूरत है. जैसे कि हमने पहले दक्षिण अफ्रीका में देखा और अब इंग्लैंड में भी, ऐसे कुछ मौके आये जब उसके द्वारा सजाये गये क्षेत्ररक्षण या समय पर गेंदबाजी में बदलाव से काफी बड़ा अंतर आ सकता था. फिर से इसकी कमी दिखायी दी.

उसने जब से कप्तानी संभाली है, तब से दो साल (उसने चार साल पहले कप्तानी संभाली थी) ही हुये हैं इसलिये कभी कभार अनुभव की कमी दिखायी देती है. हालांकि लिटिल मास्टर ने कोहली की एक रिपोर्टर के सवाल पर प्रतिक्रिया को तवज्जो नहीं दी जिसमें इस पत्रकार ने पूछा था कि क्या वह कोच रवि शास्त्री के उस बयान से सहमत हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि यह पिछले 15 साल में विदेश का दौरा करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम है.

यह पूछने पर कि क्या पत्रकार द्वारा पूछा गया यह सवाल ‘जायज’ था तो गावस्कर ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस पूछने का समय गलत था। गावस्कर ने कहा, उससे यह सवाल पूछने का समय गलत था. वह (विराट) हार से काफी आहत होगा। हो सकता है कि पत्रकार का यह सवाल पूछना जायज हो लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई भी कप्तान यह कहेगा कि ‘तुम सही हो, लेकिन हम गलत हैं’.

इस महान सलामी बल्लेबाज ने कहा कि किसी को इस घटना को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहिए। गावस्कर ने कहा, ‘उसकी टीम 1-3 से पिछड़ रही थी और शायद वह इस शृंखला का अंत जीत से करना चाहता था. मुझे नहीं लगता कि हमें विराट की प्रतिक्रिया को भी ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए. यह स्पष्ट था कि जो कुछ भी हुआ, उससे कप्तान निराश था और शायद उसने उसी लहजे में जवाब दिया.

उन्हें यह भी लगता है कि मुख्य कोच शास्त्री का इरादा बीते समय की टीमों को तिरस्कृत करने का नहीं था, बस अपने खिलाड़ियों से बात करने के लिये ऐसा किया गया था. गावस्कर ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो, रवि (शास्त्री) ने ऐसा कहा होगा (पिछले 15 साल में दौरा करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम) ताकि टीम का मनोबल बढ़ सके. मुझे नहीं लगता कि वह पिछली टीमों को बेकार बताने की कोशिश कर रहे थे. मेरा मानना है कि कोच की मंशा यह नहीं थी.

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