नयी दिल्ली : बीसीसीआई का भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट शृंखला के पहले मैच के लिये राजकोट में अपना पिच क्यूरेटर भेजने का फैसला सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) के पूर्व दिग्गज अधिकारी निरंजन शाह को नागवार गुजरा है हालांकि इसे ‘मानक प्रक्रिया’ माना जाता है.
सौराष्ट्र क्रिकेट से लगभग चार दशक तक जुड़े रहे शाह ने कहा कि स्थानीय क्यूरेटर अच्छी पिच तैयार करने में सक्षम है. शाह लोढ़ा समिति की सिफारिशों के कारण क्रिकेट संघ में किसी आधिकारिक पद पर नहीं है. शाह का बयान ऐसे समय आया है जब बीसीसीआई के क्यूरेटर दलजीत सिंह और विश्वजीत पडयार ने राजकोट मैदान का प्रभार ले लिया है.
शाह ने कहा, स्थानीय क्यूरेटर स्वतंत्र रूप से अपना काम कर सकते है लेकिन अब बीसीसीआई के क्यूरेटर यहां है और पिच से जुडे सारे फैसले वही करेंगे. एससीए के मैदानकर्मी वहां उनकी मदद के लिए होंगे क्योंकि उन्हें स्थानीय हालात के बारे में ज्यादा पता है. मुझे उम्मीद है कि उनकी सलाह को भी माना जाएगा.
एक वरिष्ठ क्यूरेटर ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि इस मुद्दे पर विवाद उनकी समझ से परे है. उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता एससीए को क्या समस्या है लेकिन बीसीसीआई के क्यूरेटर स्थानीय मैदानकर्मियों की मदद करते है और पिच निर्माण की देखरेख इसकी मानक प्रक्रिया है. यह हमेशा चलते रहता है, रणजी ट्रॉफी के दौरान भी. इसलिए मुझे समझ में नहीं आ रहा कि असल मुद्दा क्या है.
पता चला है कि नवंबर में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच राजकोट (चार से आठ अक्टूबर) और हैदराबाद (12 से 16 अक्टूबर) में होने वाले टेस्ट मैचों के लिए उछाल वाली पिचों की मांग की है. वेस्टइंडीज का भारत दौरा 11 नवंबर को समाप्त होगा और ऑस्ट्रेलिया में भारत को पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय 21 नवंबर को खेलना है.
दोनों मैचो के बीच सिर्फ 10 दिन का समय है. कोच रवि शास्त्री ने इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट शृंखला में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद कहा था कि सिर्फ 10 दिनों के समय में टीम को तैयार करना मुश्किल होगा. राजकोट के मैदान पर यह दूसरा टेस्ट मैच होगा. दो साल पहले यहां इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने खेला था जो ड्रॉ रहा था.