क्रिकेट प्रेमियों के लिए दुखद खबर !, इंदौर से शिफ्ट हो सकता है भारत-विंडीज वनडे मैच
इंदौर : भारत और वेस्टइंडीज के बीच होलकर स्टेडियम में 24 अक्टूबर को प्रस्तावित एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के भविष्य को लेकर गेंद अब बीसीसीआई के पाले में है क्योंकि मुफ्त टिकटों (मानार्थ पास) को लेकर मतभेद बढ़ने के बाद मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) इस मुकाबले के आयोजन से कदम पीछे खींचता दिखायी दे रहा […]
इंदौर : भारत और वेस्टइंडीज के बीच होलकर स्टेडियम में 24 अक्टूबर को प्रस्तावित एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के भविष्य को लेकर गेंद अब बीसीसीआई के पाले में है क्योंकि मुफ्त टिकटों (मानार्थ पास) को लेकर मतभेद बढ़ने के बाद मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) इस मुकाबले के आयोजन से कदम पीछे खींचता दिखायी दे रहा है.
एमपीसीए के सचिव मिलिंद कनमड़ीकर ने मंगलवार को कहा, इतने सीमित समय में अब हमारे लिये यहां 24 अक्टूबर को भारत-वेस्टइंडीज मैच का आयोजन संभव नहीं रह गया है. एमपीसीए सचिव ने कहा, हमें मैच का कार्यक्रम बदले जाने के बारे में फिलहाल बीसीसीआई से न तो कोई औपचारिक सूचना मिली है, न ही मुफ्त टिकटों के मसले पर उनकी ओर से हमें कोई स्पष्ट जवाब दिया गया है.
कनमड़ीकर ने बीसीसीआई से मांग की कि वह अपने नये संविधान के उस प्रावधान को लेकर स्थिति स्पष्ट करे जिसमें देश में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के संदर्भ में कहा गया है कि क्रिकेट स्टेडियम की किसी भी टिकट श्रेणी की कुल सीट क्षमता के अधिकतम 10 प्रतिशत टिकटों को प्रायोजकों और अन्य लोगों को मुफ्त बांटा जा सकता है.
उन्होंने कहा, बीसीसीआई अपने नये संविधान के संदर्भ में स्पष्ट करे कि 10 प्रतिशत मुफ्त टिकटों का यह कोटा केवल उसके लिये है या बीसीसीआई और संबंधित राज्य क्रिकेट संघ, दोनों के लिये मुफ्त टिकटों का 10-10 फीसदी कोटा तय किया गया है.
कनमड़ीकर के मुताबिक बीसीसीआई ने यहां भारत और वेस्ट इंडीज के बीच प्रस्तावित मैच को लेकर दोनों संगठनों के बीच किये जाने वाले औपचारिक करार की जो प्रति एमपीसीए को 17 सितंबर को सौंपी, उसमें प्रायोजकों और अन्य संबंधित पक्षों के लिये पवेलियन ब्लॉक के करीब 1,300 मुफ्त टिकटों की मांग की गयी थी.
लेकिन एमपीसीए अपने होलकर स्टेडियम की सीमित दर्शक क्षमता और स्वयं की जरूरतों के मद्देनजर बीसीसीआई को पवेलियन ब्लॉक के इतने टिकट देने की स्थिति में नहीं है. गौरतलब है कि इंदौर के होलकर स्टेडियम की क्षमता करीब 27,000 दर्शकों की है जिसमें साउथ पवेलियन ब्लॉक की 7,200 सीटें शामिल हैं. देश के अन्य स्टेडियमों के मुकाबले होलकर स्टेडियम छोटा है और इस कारण यहां हर अंतरराष्ट्रीय मैच के वक्त टिकटों की बड़ी मारामारी होती है.
एमपीसीए सचिव ने कहा, हमारे पवेलियन ब्लॉक की क्षमता सीमित है. अगर हम मुफ्त टिकटों के 10 प्रतिशत कोटे के मुताबिक सभी 720 पवेलियन टिकट बीसीसीआई को दे देंगे, तो हम अपने सदस्यों, विभिन्न सरकारी एजेंसियों आदि की टिकटों की मांग किस तरह पूरी कर सकेंगे.
कनमड़ीकर ने दावा किया कि 10 फीसदी टिकटों के मुफ्त कोटे के प्रावधान से हो सकने वाली व्यावहारिक परेशानियों के बारे में एमपीसीए काफी पहले ही बीसीसीआई को सूचित कर चुका है. बहरहाल, भारत-विंडीज वन डे मैच की प्रस्तावित मेजबानी को लेकर एमपीसीए के मौजूदा रुख के मद्देनजर अगर बीसीसीआई यह मुकाबला किसी अन्य शहर में स्थान्तरित करता है, तो इंदौर के हजारों क्रिकेट प्रेमियों को मायूस होना पड़ेगा जो इस भिड़ंत का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
कैरेबियाई टीम ने इंदौर के होलकर स्टेडियम में अपना इकलौता एकदिवसीय मैच आठ दिसंबर 2011 को खेला था. इस मैच में तत्कालीन भारतीय कप्तान और सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 219 रनों की धुआंधार पारी खेलकर नया रिकॉर्ड बनाया था जिसकी बदौलत मेजबान टीम ने वेस्ट इंडीज को 153 रनों से मात दी थी.