नेशनल कंटेंट सेल
-भारत से दो टेस्ट मैचों की सीरीज कल से
1970 और 80 के दशक में टीम इंडिया जब वेस्टइंडीज का दौरा करती थी, या वेस्टइंडीज की टीम जब भारत आती थी, तो सबसे ज्यादा हार का डर मंडराता था. मैच व सीरीज जीतना टीम इंडिया के लिए सपने जैसा था. भारतीय टीम 1948 से लेकर 2002 के बीच वेस्टइंडीज के मैदान पर सिर्फ एक टेस्ट सीरीज जीत पायी थी. घरेलू मैदान पर भी 1948 से लेकर 2001 तक टीम इंडिया के खाते में सिर्फ एक ट्रॉफी आयी थी. वेस्टइंडीज ने एक से बढ़कर एक खिलाड़ी दुनिया को दिये हैं.
गैरी सोबर्स, एंडी राबर्टस, मैल्कम मार्शल, क्लाइव लॉयड, विवियन रिचर्डस और ब्रायन लारा तक उसके महान खिलाड़ियों की फेहरिस्त बहुत लंबी है, जिससे बल्लेबाज और गेंदबाज खौफ खाते थे. पर वर्ष 2000 के बाद बोर्ड के फैसले ने इस टीम का दम निकाल दिया हैं. आज की वेस्टइंडीज टीम वह खौफ पैदा नहीं करती है, जो पिछले 25-30 साल पहले करती थी. बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी तक हर विभाग में वेस्टइंडीज हारा हुआ नजर आता है. आंकड़े कहते हैं कि घर में हो या घर के बाहर टीम सिर्फ बांग्लादेश और जिंबाब्वे जैसे टीमों पर ही जीत दर्ज कर पा रही है.
वेस्टइंडीज में पिछले 49 वर्षों के दौरान
1953 से लेकर 2002 तक भारत ने सिर्फ 1971 में एक टेस्ट सीरीज जीती थी
38 टेस्ट मैच खेले थे
03 टेस्ट मैच में भारत को मिली थी जीत
19 मैच ड्रॉ खेले थे भारत ने
16 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था
पिछले 12 वर्षों में
2006 से 2016 तक तीन टेस्ट सीरीज जीती
16 टेस्ट मैच खेला
04 जीते
07 ड्रॉ
भारत में 51 वर्षों के दौरान
1948 से 2001 तक भारत ने घर में वेस्टइंडीज से सिर्फ 1978 में टेस्ट सीरीज जीती थी
37 टेस्ट मैच खेले इस दौरान
05 टेस्ट मैचों में जीत मिली थी भारत को
14 टेस्ट मैच हार गया था भारत ने
18 टेस्ट मैच ड्रॉ रहे थे
16 वर्ष के दौरान
2002 से लगातार तीन टेस्ट जीती टीम इंिडया
08 टेस्ट मैच खेले इसमें
06 मैच जीते
02 मैच ड्रॉ
ऐसे खत्म हुआ वेस्टइंडीज का रुतबा
बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच यह स्थिति वेतन में कटौती को लेकर पैदा हुई. 2005 में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने अपनी कमाई को लेकर एक स्टेटमेंट जारी किया था, जिसमें बोर्ड को हो रहे नुकसान को लेकर पूरी जानकारी थी. रिपोर्ट घाटे को दर्शाया गया था और बोर्ड के खिलाड़ियों के वेतन में कटौती की बात कही थी. खिलाड़ी खुश नहीं थे. 2005 में कुछ सीनियर खिलाड़ी ने क्रिकेट बोर्ड को न बताते हुए निजी स्तर पर कुछ कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया. बोर्ड इससे भी खुश नहीं हुआ. 2005 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में वेस्टइंडीज के सीनियर खिलाड़ी ब्रायन लारा, क्रिस गेल, ड्वेन स्मिथ, ड्वेन ब्रावो, रवि रामपाल जैसे खिलाड़ियों का चयन नहीं किया. सीरीज गंवा दी. जुलाई, 2005 में वेस्टइंडीज ने श्रीलंका का दौरा किया. बोर्ड ने लगभग सभी सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया. इसके बाद से सीनियर व जूनियर खिलाड़ियों व बोर्ड के बीच तनातनी जारी है.
1971 में लगा था कि हमने विश्व कप जीत लिया
1971 में वेस्टइंडीज के पोर्ट ऑफ स्पेन के मैदान पर टीम इंडिया ने जब अपना पहला टेस्ट मैच जीता, तब ऐसे जश्न मनाया गया था जैसे टीम ने वर्ल्ड कप जीत लिया हो.
मैदान के अंदर नाचना, कूदना, स्टंप्स उखाड़ कर मैदान के चारों तरफ दौड़ना यह सब नजारा देखने मिला था.
टीम जब सीरीज जीतने के बाद एयरपोर्ट पहुंची थी, तब उसका ऐसा स्वागत किया गया था, जैसे टीम वर्ल्ड वॉर जीत कर आयी हो, लेकिन अब वैसा जश्न नहीं मनता है.
अब सिर्फ जिंबाब्वे और बांग्लादेश से जीत रहा है मैच
1928 में पहली टेस्ट सीरीज खेला था वेस्टइंडीज ने
148 टेस्ट सीरीज खेली है अब तक इस देश की टीम ने
61 सीरीज वेस्टइंडीज की टीम जीतने में सफल रही हैै
1928 से 1999 तक
85 टेस्ट सीरीज खेली
45 में जीत दर्ज की
जीत का प्रतिशत : 52%
2000 से 2018 तक
63 टेस्ट सीरीज खेली
16 टेस्ट सीरीज में जीती
जीत का प्रतिशत : 25%
05 सीरीज बांग्लादेश से जीती
05 सीरीज जिंबाब्वे से जीती
02 सीरीज न्यूजीलैंड से जीती
01-01 सीरीज भारत, श्रीलंका, इंग्लैंड, पाकिस्तान से जीती