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विजय हजारे ट्रॉफी : 17 साल बाद खेल रही बिहार क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास, बिना कोई मैच गंवाये पहुंचा क्वार्टर फाइनल में

14 को मुंबई से मुकाबला पटना : 17 साल बाद भारतीय घरेलू क्रिकेट में वापसी कर रही बिहार क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है. विजय हजारे ट्रॉफी में उसने बिना कोई मैच गंवाये एलीट ग्रुप में प्रवेश पा लिया है. सोमवार को बिहार ने मिजोरम को नौ विकेट से करारी शिकस्त दी. इसके साथ […]

14 को मुंबई से मुकाबला
पटना : 17 साल बाद भारतीय घरेलू क्रिकेट में वापसी कर रही बिहार क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है. विजय हजारे ट्रॉफी में उसने बिना कोई मैच गंवाये एलीट ग्रुप में प्रवेश पा लिया है. सोमवार को बिहार ने मिजोरम को नौ विकेट से करारी शिकस्त दी. इसके साथ ही बिहार ने 37 टीमों के बीच सबसे पहले क्वार्टर फाइनल का टिकट हासिल कर लिया.
14 अक्तूबर को क्वार्टर फाइनल में उसका मुकाबला मुंबई से होगा. यह मैच बेंगलुरु में खेला जायेगा. बिहार क्रिकेट के इतिहास में यह पहला माैका होगा, जब बिहार क्वार्टर फाइनल में खेलेगा. बड़ोदरा के मोतीबाग स्टेडियम में खेले गये इस मैच में बिहार के गेंदबाजों के सामने मिजोरम की बल्लेबाजी लड़खड़ा गयी.
मिजोरम की टीम 27.2 ओवर में 83 रन बनाकर ऑल आउट हो गयी. 84 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बिहार की टीम ने सलामी बल्लेबाज विकास रंजन के अर्द्धशतक की बदौलत सिर्फ 15.4 ओवर में एक विकेट खोकर जीत हासिल कर ली. मिजोरम के अखिल राजपूत और माइकल को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी दहाई के अंक को नहीं छु पाया.
अखिल ने 43 और माइकल ने 18 रन बनाये. बिहार की और से केशव ने 7.2 ओवर में 21 रन देकर चार विकेट लिये, जबकि आशुतोष अमन ने 4 ओवर में सिर्फ दो रन देकर तीन विकेट चटकाये. जबाब में उतरी बिहार की टीम के ओपनर कुमार मृदुल फिर नहीं चल पाये और 28 गेंदों में पांच रन बनाकर आउट हो गये. इसके बाद विकाश रंजन 50 गेंदों में 59 रन और बाबुल 16 गेंदों में 17 रन पर नाबाद रहते हुए जीत दिला दी.
सभी टीमों के बीच सिरमौर बना बिहार
विजय हजारे ट्रॉफी खेल रही कुल 37 टीमों के बीच से बिहार की टीम इस समय सबसे ऊपर है. बिहार की जीत की खास बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर युवा और अनजान खिलाड़ियों से सजी इस टीम ने लगभग सभी मुकाबलों में एकतरफा जीत हासिल की है.
टूर्नामेंट में इस खिलाड़ियों का जलवा
बिहार ने इस पूरे टूर्नामेंट में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया है. लेकिन निजी प्रदर्शन की बात करें तो बिहार की ओर से बाबुल कुमार, विकास रंजन, कप्तान केशव कुमार, रहमत उल्लाह जैसे खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.
इनकी प्रतिभा को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि बिहार क्रिकेट टीम का भविष्य उज्ज्वल है. बीते 17 सालों के निलंबन के दौरान बिहार ने कई होनहार क्रिकेटरों को खोया है, इनमें राजीव कुमार, ईशान किशन, अनुकूल राय जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं. अब भी बिहार के कई होनहार क्रिकेटर झारखंड से खेल रहे हैं. यदि राजनीति से दूर रखते हुए बिहार क्रिकेट ऐसे ही बढ़ता रहा, तो निश्चित तौर पर निकट भविष्य में बिहार से कई अच्छे क्रिकेटर निकलेंगे.
रेहान की जगह ले सकते हैं शब्बीर खान
14 अक्तूबर को बेंगलुरु में खेले जाने वाले क्वार्टर फाइनल के लिए बिहार क्रिकेट टीम में कई बदलाव हो सकते हैं. रेहान खान की जगह शब्बीर खान बिहार टीम की तेज गेंदबाजी की कमान संभाल सकते हैं. रेहान की गेंदबाजी एक्शन को संदिग्ध मानते हुए उनके आगे खेलने पर रोक लगा दी गयी है. बल्लेबाज मंगल महरूर को भी टीम से इलेवन से बाहर किया जा सकता है.
प्वाइंट टेबल में नंबर वन पर बिहार : विजय हजारे ट्रॉफी के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस साल नौ नये राज्यों को अनुमति दी थी. इन राज्यों को प्लेट ग्रुप में रखा गया था. इस ग्रुप में बिहार की टीम ने आठ मुकाबले खेलते हुए सर्वाधिक अंक हासिल किये. बिहार ने आठ मुकाबलों में से सात में जीत हासिल की, जबकि एक मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो गया था. मालूम हो कि एक जीत पर टीम को चार अंक दिये जाते हैं. साथ ही किसी कारण से मैच रद्द हो जाने पर दोनों टीमों के खाते में दो-दो अंक जोड़े जाते हैं. इस समीकरण के साथ बिहार की टीम 30 अंक हासिल करते हुए क्वार्टर फाइनल के लिए सबसे पहले प्रवेश कर चुकी है.

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