जिंदगी की खातिर बल्लेबाजी के लिये तेंदुलकर को तवज्जों दूंगा : वार्न
नयी दिल्ली : सचिन तेंदुलकर के बारे में अपने ‘दुस्वप्नों’ को मजाक बताने के आठ वर्षों बाद महान स्पिनर शेन वार्न ने बुधवार को कहा कि जिंदगी की खातिर बल्लेबाजी के लिये वह इस भारतीय स्टार को ही चुनेंगे. वार्न ने तेंदुलकर और ब्रायन लारा के बीच तुलना के विवाद में पड़ने से इंकार करते […]
नयी दिल्ली : सचिन तेंदुलकर के बारे में अपने ‘दुस्वप्नों’ को मजाक बताने के आठ वर्षों बाद महान स्पिनर शेन वार्न ने बुधवार को कहा कि जिंदगी की खातिर बल्लेबाजी के लिये वह इस भारतीय स्टार को ही चुनेंगे.
वार्न ने तेंदुलकर और ब्रायन लारा के बीच तुलना के विवाद में पड़ने से इंकार करते हुए किसी को भी अपनी पीढ़ी का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज नहीं चुना लेकिन उन्होंने इतना कहा कि अगर जिंदगी दांव पर लगी हो और इसके लिये किसी को बल्लेबाजी करने की बात आयेगी तो वह निश्चित रूप से तेंदुलकर को चुनना चाहेंगे.
वार्न ने अपनी आत्मकथा ‘नो स्पिन’ के बारे में बात करते हुए एनडीटीवी से कहा, सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा हमारी पीढ़ी, मेरे समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे. टेस्ट सीरीज के अंतिम दिन शतक जड़ने के लिये मैं किसी को चुनना चाहूंगा तो मैं लारा को बल्लेबाजी के लिये भेजूंगा. लेकिन अगर मैं अपनी जिदंगी की खातिर बल्लेबाजी के लिये भेजना चाहूंगा तो मैं तेंदुलकर को चुनूंगा जो बेहतरीन हैं.
तेंदुलकर ने 1998 में शारजाह में तीन देशों के टूर्नामेंट में इस ऑस्ट्रेलियाई महान गेंदबाज की गेंदों को धुन दिया था. इसके बाद वार्न ने यहां तक कह दिया था कि उन्हें तेंदुलकर के बारे में दुस्वप्न आते हैं. हालांकि 2010 में इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने कहा कि उन्होंने मजाक में ये बातें कहीं थीं.
अपनी आत्मकथा में उन्होंने सट्टेबाजों के आरोपों, अपने बच्चों और रिश्तों के बारे में लिखा है. उन्होंने यह भी कहा कि टेस्ट मैचों में अन्य देशों की तुलना में भारत में उनके खराब रिकार्ड का असर उन पर नहीं पड़ता. उन्होंने कहा, कोई पछतावा नहीं है.
भारत में दो दौरों के दौरान मेरे कंधे और अंगुली का ऑपरेशन हुआ था जो सचमुच काफी निराशाजनक था. भारतीय टीम में तक सचिन, द्रविड़, गांगुली, लक्ष्मण और सहवाग हुआ करते थे. मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ किया लेकिन वे काफी बेहतरीन थे.