जानें, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला से क्यों भिड़े क्रिकेटर गौतम गंभीर
घर में घुस आतंकियों ने जवान को मार डालाश्रीनगर : बारामूला जिले के सोपोर टाउनशिप में आतंकियों ने घर में घुसकर एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी. एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि अज्ञात आतंकवादी शुक्रवार की देर रात उत्तर कश्मीर जिले में शहर के बाहरी इलाके वारपोरा में जावेद अहमद […]
घर में घुस आतंकियों ने जवान को मार डाला
श्रीनगर : बारामूला जिले के सोपोर टाउनशिप में आतंकियों ने घर में घुसकर एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी. एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि अज्ञात आतंकवादी शुक्रवार की देर रात उत्तर कश्मीर जिले में शहर के बाहरी इलाके वारपोरा में जावेद अहमद लोन के घर में घुस गये और उन पर गोली चला दी. लोन गंभीर रूप से जख्मी हो गये और बाद में उनकी मौत हो गयी. इस घटना के सिलसिले में एक मामला दर्ज कर लिया गया है.
इधर, पुलवामा जिले के बाबगुंड इलाके में मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े आतंकी शब्बीर अहमद डार को मार गिराया. पुलिस ने बताया कि सूचना पर सुरक्षा बलों ने बाबगुंड इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान चलाया. इस दौरान सुरक्षा बलों पर आतंकवादी ने गोली चला दी. जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी. मुठभेड़ में एक आतंकवादी शनिवार अलसुबह में मारा गया. मुठभेड़ स्थल से कुछ हथियार और गोला-बारूद बरामद किये गये हैं.
वानी एनकाउंटर : टि्वटर पर भिड़े गंभीर और अब्दुल्ला
गौतम गंभीर
हमने एक आतंकी को मारकर एक उग्र स्वभाव की प्रतिभा को खो दिया. सभी को इस पर पछतावा होना चाहिए. आखिर क्यों एक युवा किताबों को छोड़कर गोलियां खा रहा है.
अब्दुल्ला जी आपको नक्शे पर तो बात नहीं करनी चाहिए. आप ही मेरे देश का नक्शा बदलने के लिए जिम्मेदार हो, जो कश्मीर को पाकिस्तान के हवाले ले जाना चाहते हो. दिखावा छोड़िए और यह बताइए कि आपने और अन्य राजनीतिक दलों ने कश्मीरी युवाओं के लिए अब तक क्या किया.
उमर अब्दुल्ला
गंभीर को कश्मीर की परिस्थितियों की सही जानकारी नहीं है. साफ है कि गौतम गंभीर को क्रिकेट की जानकारी नहीं है.
अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है, जब मैंने अपने दो साथियों को खो दिया, जिन्हें आतंकियों ने मारा. 1988 से लेकर अब तक मेरी पार्टी ने 1000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को खोया है. मुझे किसी से राष्ट्रवाद और त्याग पर लेक्चर नहीं चाहिए. कम ऑन गंभीर पहले कश्मीर के विषय में खुद को जागरूक बनाओ. तब हम इस पर चर्चा कर सकते हैं.