नयी दिल्ली : बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने प्रशासकों की समिति (सीओए) पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले से निपटने के तरीके पर सवाल उठाया है.
सीओए ने जौहरी के खिलाफ लगाये गये आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय स्वतंत्र समिति का गठन किया है जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और सीबीआई के पूर्व निदेशक पीसी शर्मा शामिल हैं.
जौहरी ने पहले ही सीओए को कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से अपने खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. झारखंड के इस पूर्व आईपीएस अधिकारी ने नये पैनल के गठन पर भी सवाल उठाये. चौधरी ने एक ई-मेल लिखा है.
BCCI acting secretary Amitabh Choudhury writes to Committee of Administrators (COA), questioning about the manner in which investigation is being carried out by a three members committee in sexual harassment allegations made against BCCI CEO Rahul Johri pic.twitter.com/8njMLBoCHG
— ANI (@ANI) October 27, 2018
इस ईमेल में उन्होंने कहा, प्रशासकों की समिति का गठन माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चार सदस्यीय इकाई के रूप में किया गया था जिसमें से एक को इसका अध्यक्ष बनाया गया ताकि वह बैठकों की अध्यक्षता कर सकें. उन्होंने कहा, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अध्यक्ष को कोई अतिरिक्त शक्तियां प्रदान नहीं की गई हैं.
चौधरी ने विनोद राय और डायना एडुलजी के बीच मतभेदों का हवाला देते हुए बताया कि इस मामले से निपटने में दोनों के विचारों में विरोधाभास था. एडुलजी जौहरी को बर्खास्त करने के पक्ष में थीं जबकि राय मामले में आगे की जांच चाहते थे क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि सीईओ को नैसर्गिक न्याय से वंचित कर दिया जाये.
उन्होंने लिखा, मौजूदा समय में समिति में दो सदस्य शामिल हैं और दोनों सदस्य शक्तियों के मामले में एक समान हैं. ऐसे में अध्यक्ष के पास अन्य सम्मानित सदस्य के विचारों के उलट एकतरफा निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है.