कोलकाता: चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में पांच विकेट से जीत के बाद कहा कि ईडेन गार्डेन की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ होने का बहुत बड़ा फायदा मिला. कुलदीप को पता था कि गेंद ग्रिप बनायेगी और टर्न नहीं लेगी. ऐसे में उन्होंने 13 रन देकर तीन विकेट लिये,जिससे वेस्टइंडीज आठ विकेट पर 109 रन ही बना सकी. कुलदीप को मैन आॅफ द मैच भी चुना गया.
कुलदीप ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जब आपने किसी एक मैदान पर कई मैच खेले हों, तो उसका बहुत अधिक फायदा मिलता है. आप विकेट, आउटफील्ड आदि से अच्छी तरह से परिचित होते हो. इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है. जैसे मुझे पता था कि अगर आप इस पिच पर अपनी गति बदलते हैं, तो आपको इसका फायदा मिलेगा. इससे मुझे काफी मदद मिली और मेरा आत्मविश्वास बढ़ा.’
टी20 में 100 विकेट पूरे करने वाले कुलदीप पिछले कुछ वर्षों से आइपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से खेल रहे हैं. उन्हें यहां खेलने का अच्छा अनुभव है, जिसे उन्होंने अपना पहला मैच खेल रहे स्पिन आॅलराउंडर कृणाल पंड्या के साथ भी साझा किया.
उन्होंने कहा, ‘उसने सातवें ओवर में गेंद संभाली और मैंने आठवें ओवर में. हमारे बीच केवल इतनी ही बात हुई कि विकेट से टर्न नहीं मिल रहा है, लेकिन गेंद पर ग्रिप बन रही है.’
कुलदीप ने लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी खास गेंद की, जिसने बल्लेबाजों को खासा परेशान किया. उन्होंने कहा कि वह अंडर-19 के दिनों से इस पर काम कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने चार पांच साल पहले नेट्स पर इस गेंद का अभ्यास शुरू कर दिया था. पिछली शृंखला में भी कुछ अवसरों पर मैंने इस गेंद का उपयोग किया. इस गेंद को लेकर आश्वस्त होता जा रहा हूं और मैच की परिस्थितियों के अनुसार इसका उपयोग कर रहा हूं. टी20 क्रिकेट में बल्लेबाज की लय तोड़ने के लिए इस तरह की गेंद करनी होती है. इससे बल्लेबाज का बल्ला कुंद हो सकता है.’
भारत ने 110 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए शीर्ष क्रम के बल्लेबाज जल्दी गंवा दिये. ऐसे में केकेआर के कप्तान दिनेश कार्तिक की नाबाद 31 रन की पारी काफी काम आयी.
कुलदीप ने कहा, ‘कई बार 110 रन का लक्ष्य भी मुश्किल बन जाता है. इडेन गार्डेन में दूसरी पारी में गेंद स्विंग ले रही थी. उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की और हमारे लिए मुश्किलें पैदा की.’
उन्होंने कहा, ‘कार्तिक ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. परिस्थितियां उनके अनुकूल थी. पिछले सत्र में उन्होंने केकेआर की अगुवाई की और इसलिए वह परिस्थितियों से अच्छी तरह अवगत थे.’