लालचंद राजपूत ने कहा, जिम्बाब्वे की जीत मेरे लिए दिवाली की उपहार की तरह
मुंबई : जिम्बाब्वे के कोच लालचंद राजपूत ने कहा कि टेस्ट मैच में पांच साल बाद बांग्लादेश के खिलाफ मंगलवार को मिली जीत उनके लिए दिवाली की उपहार की तरह है. राजपूत ने बांग्लादेश से कहा, यह काफी अहम जीत है क्योंकि बड़ी टेस्ट टीमों को भी बांग्लादेश में संघर्ष करना पड़ता है. इसलिए बांग्लादेश […]
मुंबई : जिम्बाब्वे के कोच लालचंद राजपूत ने कहा कि टेस्ट मैच में पांच साल बाद बांग्लादेश के खिलाफ मंगलवार को मिली जीत उनके लिए दिवाली की उपहार की तरह है.
राजपूत ने बांग्लादेश से कहा, यह काफी अहम जीत है क्योंकि बड़ी टेस्ट टीमों को भी बांग्लादेश में संघर्ष करना पड़ता है. इसलिए बांग्लादेश को उनकी सरजमीं पर हराना हमारे लिए बहुत बड़ी जीत हैं. टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले ब्रेंडन मावुता और सिकंदर रजा के सात विकेट की मदद से जिम्बाब्वे ने बांग्लादेश को सिलहट में 151 रन से हराकर पांच साल बाद टेस्ट क्रिकेट में जीत दर्ज की.
पाकिस्तान को 2013 में हरारे में हराने के बाद जिम्बाब्वे की यह पहली टेस्ट जीत है. अपनी धरती के बाहर उसने 17 साल बाद कोई टेस्ट जीता है. उसने 2001 में चटगांव में बांग्लादेश को ही हराया था. छप्पन साल के इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा, मैं बहुत खुश हूं. मेरे लिये यह दिवाली उपहार की तरह है जो टीम ने दिया है.
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राजपूत ने कहा, मुझे टीम को फिर से गठित करना पड़ा. शुरुआत में कुछ मैचों में हार के बाद टेस्ट मैच में जीत जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड और वहां के लोगों के लिए शानदार बात हैं. इससे पहले अफगानिस्तान के कोच रहे राजपूत ने जीत का श्रेय पूरी टीम को देते हुए कहा, यह पूरी टीम के प्रयासों का नतीजा है.
बल्लेबाजी इकाई में सभी ने योगदान दिया. हमने सपाट पिच पर अच्छी गेंदबाजी की और स्पिनरों ने विकेट लिये. दूसरी पारी में सबकुछ स्पिनरों के प्रदर्शन पर निर्भर था. शृंखला का दूसरा और अंतिम मैच 11 नवंबर से ढाका में खेला जाएगा.