ऑस्ट्रेलिया की ‘छींटाकशी नहीं” की नीति : कोहली बिना किसी विवाद के खेलने पर खुश
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को छींटाकशी नहीं करने की नसीहत से भारतीय कप्तान विराट कोहली को भी अच्छा महसूस हो रहा है और उन्हें खुशी है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी शृंखला में एक दूसरे पर फब्तियां कसने के कारण होने वाले विवाद नहीं होंगे. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर आमूलचूल बदलाव के दौर से गुजर रहे […]
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को छींटाकशी नहीं करने की नसीहत से भारतीय कप्तान विराट कोहली को भी अच्छा महसूस हो रहा है और उन्हें खुशी है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी शृंखला में एक दूसरे पर फब्तियां कसने के कारण होने वाले विवाद नहीं होंगे.
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर आमूलचूल बदलाव के दौर से गुजर रहे थे और पूर्व के क्रिकेटरों की किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करने की नीति को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है. कोहली और वरिष्ठ तेज गेंदबाज इशांत शर्मा का मानना है कि यह पूरी तरह से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे अपनी क्रिकेट किस तरह से खेलना चाहते हैं लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके खिलाड़ी छींटाकशी के मामले में अपनी तरफ से पहल नहीं करेंगे.
कोहली ने टीम की रवानगी से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुझे लगता कि यह (छींटाकशी नहीं की नीति) उनका बेहद निजी मामला है. लेकिन जब मैदान पर बहस में शामिल होने या जिसे लोग झगड़ा नाम दे देते हैं, उसकी बात है तो मुझे इस तरह की किसी कहा सुनी के बिना के बिना खेलना अच्छा लगेगा.
कोहली की एक समय उनके आक्रामक व्यवहार के कारण आलोचना झेलनी पड़ती थी लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने करियर के उस दौर से निकल चुके हैं और एक व्यक्ति के रूप में अधिक परिपक्व हो गये हैं. उन्होंने कहा, मैं खुद की स्थिति से खुश हूं. मुझे निजी तौर पर अब इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. मेरे कहने का मतलब है कि मुझे अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है.
मैं बिना किसी प्रेरणा के खेल सकता हूं. अपने करियर के शुरुआती वर्षों के दौरान मुझे जो अहसास होता था वे बेहद अपरिपक्व चीजें थी. इशांत शर्मा ने कहा कि अगर ऑस्ट्रेलियाई पूर्व की तरह छींटाकशी करते हैं तो उन्हें दिक्कत नहीं होगी क्योंकि अगर वे शुरुआत करते हैं तो वह भी जवाब देने में सक्षम हैं.
उन्होंने कहा, देखते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई क्या करते हैं. हमें वहां पहुंचने के बाद ही पता चलेगा. आप उनसे मित्रवत व्यवहार की उम्मीद नहीं कर सकते. आप को वहां कड़ी परिस्थितियां मिलती है. जब आप अपने देश के लिये खेल रहे होते हो तो कोई भी आपको आसानी से रन या विकेट नहीं देता है. अगर यह कड़ा खेल है तो आपको भी कड़ा होना होगा और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिये तैयार रहना होगा.