नयी दिल्ली : महान क्रिकेटर कपिल देव को भारत के नये महिला क्रिकेट कोच को चुनने वाली समिति में जगह मिल सकती है.संभावना है कि बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) विभिन्न कारणों से शायद इस प्रक्रिया को हिस्सा नहीं बन पाये. रमेश पोवार के कार्यकाल का 30 नवंबर को विवादास्पद हालात में अंत होने के बाद से महिला टीम के कोच का पद खाली पड़ा है और संभावित उम्मीदवारों के आवेदन करने की अंतिम तारीख 15 दिसंबर है.
नियमों के अनुसार इस पद के लिए साक्षात्कार का अधिकार सीएसी के पास है, लेकिन महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली की मौजूदगी वाली समिति पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण शायद इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो.
इस मामले की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, सचिन, लक्ष्मण और सौरव से पहले पूछा जाएगा और एक बार वे लिखित में दे दें कि उनकी इसमें रुचि है, इसके बाद ही वे नये कोच का फैसला करेंगे.
हालांकि इस तरह की अटकलें हैं कि सीएसी इससे इनकार कर सकता है जैसा कि उन्होंने जूनियर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के चयन के लिए किया था जिसके बाद नयी समिति का गठन किया गया था. सीएसी के सदस्य पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देकर जूनियर चयनकर्ताओं की चयन प्रक्रिया से हट गए थे.
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तेंदुलकर ने आयु वर्ग के क्रिकेट में अपने बेटे अर्जुन के सक्रिय करियर के कारण हितों के टकराव का भी हवाला दिया था. अधिकारी ने कहा, बीसीसीआई प्रतिष्ठित नामों पर गौर कर रहा है और फिलहाल हमारा ध्यान पांच नामों पर है जो उनकी उपलब्धता पर निर्भर करेगा. साथ ही हमने देखा है कि हितों का टकराव है या नहीं.
उन्होंने कहा, सुनील गावस्कर, कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़, शुभांगी कुलकर्णी और शांता रंगास्वामी जैसे कुछ नाम हैं जिनसे बीसीसीआई संपर्क कर सकता है और उनकी उपलब्धता को देखते हुए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेगा. इनमें से गावस्कर शायद अपनी मीडिया प्रतिबद्धताओं के कारण समिति का हिस्सा नहीं बनें.
अधिकारी ने कहा, गावस्कर बड़ा नाम है, लेकिन उनकी इतनी सारी मीडिया प्रतिबद्धताएं हैं. हालांकि जैसा कि गावस्कर के लेखों से पता चला है वह महिला क्रिकेट पर करीबी नजर रखते हैं और कपिल भी. उन्होंने कहा, अंशुमन और शुभांगी भारतीय क्रिकेट जगह में सम्मानित हैं और स्वीकार्य नाम हैं.
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बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने महिला कोच विवाद से निपटने के प्रशासकों की समिति के तरीके की आलोचना की थी और कहा कि अगर सीएसी के सदस्य पिछले साल विराट कोहली-अनिल कुंबले विवाद में अपनी अनदेखी के बाद चयन प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार करते हैं तो इससे हैरानी नहीं होगी.
कुंबले ने कोहली के साथ मतभेद के बाद कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था और सीएसी के आशंकाएं जताने के बावजूद कप्तान के जोर देने पर रवि शास्त्री को कोच नियुक्त किया गया था.